क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारत में खेल क्षेत्र में क्रिकेट से सबसे अधिक राजस्व प्राप्त होता है। यही कारण है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) दुनिया में सबसे अमीर है। हालाँकि, बोर्ड ने इस धन का उचित उपयोग किया है। इसने खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं और साथ ही, इसने भारत में क्रिकेट के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया है। इस तरह उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। अब बीसीसीआई अन्य खेलों की मदद करके ओलंपिक में अधिकतम स्वर्ण पदक जीतने के अपने सपने को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड 2-3 खेलों को अपनाने और उनके लिए धन जुटाने पर विचार कर रहा है।
लॉस एंजिल्स के लिए तैयारी
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, खेल मंत्रालय देश भर में खेल केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है। बीसीसीआई ने मंत्रालय की इस योजना में रुचि दिखाई है। यह जानकारी खेल मंत्रालय के सूत्रों से मिली है। दरअसल, पेरिस ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारत सरकार ने बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास पहले ही तेज कर दिए हैं। अब अगला ओलंपिक 2028 में लॉस एंजिल्स में आयोजित किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआई के साथ-साथ बड़े कॉरपोरेट घराने और सार्वजनिक उपक्रम कुछ ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्रों को वित्तपोषित करने पर विचार कर रहे हैं। प्रत्येक केंद्र एक विशिष्ट खेल को समर्पित होगा। भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के देश भर में पहले से ही 23 केंद्र हैं। लेकिन इनमें से केवल 3 केंद्र ऐसे हैं जो केवल एक ही खेल को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। अब खेल मंत्रालय ऐसे कई केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है, जहां 100-200 एथलीटों की पहचान की जाएगी। इसके बाद वह एक ओलंपिक से अगले ओलंपिक के बीच प्रशिक्षण ले सकेंगे। इन केन्द्रों में उनकी आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। बीसीसीआई के पास ऐसी विशेषज्ञता है। उन्होंने हाल ही में इसी तर्ज पर एक नई राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी की स्थापना की है।
बीसीसीआई को ओडिशा जैसी सफलता चाहिए
ओडिशा सरकार ने भी हॉकी इंडिया के साथ मिलकर काम किया। उनकी मदद से पिछले कुछ वर्षों में भारतीय हॉकी टीम की छवि बदली है। ओडिशा ने न केवल वित्तीय सहायता प्रदान की बल्कि खेलों के लिए बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया। इसे देश की हॉकी राजधानी कहा जाता है। नतीजा यह हुआ कि भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी पदक जीता। बीसीसीआई भी ऐसी ही सफलता चाहता है। रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने सरकार की मुफ्त लागत पर ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र विकसित करने में रुचि व्यक्त की है। क्रिकेट की तरह बेसबॉल जैसे खेल भी हैं जिनके लिए बीसीसीआई अच्छा काम कर सकता है।