मनोरंजन न्यूज़ डेस्क – सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ के लिए साल 2024 काफी खास रहा है। इस साल दिलजीत ने अपनी फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ में दिल जीत लेने वाली एक्टिंग की और खूब तारीफें बटोरीं। इसके साथ ही दिलजीत का म्यूजिक दिल लुमिनाती टूर भी पूरे साल सुपरहिट रहा है। अब दिलजीत ने अपने इंस्टाग्राम पर खून से सने चेहरे और धूल से भरे कपड़ों की फोटो शेयर की है। इन फोटो को देखकर फैंस भी काफी घबरा गए और उनका हालचाल पूछने लगे। हालांकि ये तस्वीरें दिलजीत की आने वाली फिल्म के सीन हैं। इन तस्वीरों को देखकर फैंस ने अंदाजा लगाया कि कोई चौंकाने वाली कहानी पक रही है जो जल्द ही दर्शकों के सामने आ सकती है। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए दिलजीत ने लिखा, ‘मैं अंधेरे को चुनौती देता हूं।’
क्या जसवंत सिंह खालरा के जीवन पर बन रही है फिल्म?
दिलजीत की ये तस्वीरें उनकी आने वाली फिल्म ‘जसवंत सिंह खालरा’ की बायोपिक ‘पंजाब 95’ की हो सकती हैं। पंजाब के मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा 1995 में अचानक गायब हो गए थे। तब से लेकर आज तक उनकी कोई खबर नहीं आई है। 2 साल पहले 2023 में उनकी बायोपिक की घोषणा की गई थी।
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जिसमें दिलजीत सिंह दोसांझ को मुख्य भूमिका में लिया गया था। अब दिलजीत की इन तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये इसी फिल्म के सेट की तस्वीरें हैं। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन इन तस्वीरों को देखकर लग रहा है कि दिलजीत अब जल्द ही अपनी फिल्म की घोषणा कर सकते हैं। फिल्म का निर्देशन हनी तेहरान कर रहे हैं। फिल्म में दिलजीत दोसांझ के साथ अर्जुन रामपाल और जगजीत संधू मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।
कौन थे जसवंत सिंह खालरा?
जसवंत सिंह खालरा एक बहादुर मानवाधिकार कार्यकर्ता थे, जिन्होंने पंजाब में उग्रवाद के दौरान हजारों सिख युवाओं की कथित न्यायेतर हत्याओं को उजागर किया था। खालरा, जो कार्यकर्ताओं के परिवार से आते हैं, ने जांच का नेतृत्व किया, जिससे पता चला कि पंजाब पुलिस ने बिना किसी रिकॉर्ड के 25,000 से अधिक सिखों का अपहरण, हत्या और अंतिम संस्कार किया था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि राज्य के कार्यों में सहयोग करने से इनकार करने के कारण लगभग 2,000 पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी गई थी। खालरा 1995 में रहस्यमय तरीके से गायब हो गए और उन्हें आखिरी बार अमृतसर में देखा गया था। लगभग एक दशक बाद लंबी सीबीआई जांच के बाद उनकी हत्या के लिए छह पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया गया।