Home फैशन गठिया के दर्द से परेशान हैं तो फिर अपनी रूटीन में शामिल...

गठिया के दर्द से परेशान हैं तो फिर अपनी रूटीन में शामिल करें ये एक्सरसाइज, मिलेगा झट से आराम

10
0

बीमारियाँ भी हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं। हालाँकि ये कोई अच्छी बात नहीं है, लेकिन इंसान की ज़िंदगी में इन सभी समस्याओं का सामना समय-समय पर करना पड़ता है। हाँ, हम बीमारियों से बचने के लिए कुछ ज़रूर कर सकते हैं, जैसे योग। योग एक ऐसी शारीरिक क्रिया है, जो भारतीय सभ्यता की मुख्य पहचान है। इसमें कोई शक नहीं कि योग को पूरी दुनिया में फैलाने का काम भारत का है। हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस साल भी भारत में योग दिवस को लेकर ज़ोरदार तैयारियाँ चल रही हैं। पीएम मोदी ने इस साल के योग दिवस की थीम का भी ऐलान कर दिया है।

गाउट उर्फ़ अर्थराइटिस हड्डियों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से होती है। गाउट की वजह से पैरों और जोड़ों में तेज़ और असहनीय दर्द होता है। आज हम आपको अपनी रिपोर्ट में बताएंगे कि गाउट की समस्या में कौन से योगासन करने चाहिए।

इन योगासनों की मदद से गठिया से छुटकारा पाएं

1. पवनमुक्तासन

इस आसन को करने से शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे गैस की समस्या नहीं होती। गठिया के रोगियों को इसे रोजाना करना चाहिए ताकि आपको मल त्याग करने में आसानी हो और यूरिक एसिड की मात्रा भी ज्यादा न बढ़े।

2. वज्रासन

गठिया से पीड़ित लोगों के लिए वज्रासन भी फायदेमंद साबित होगा। यह क्रिया पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है। अगर रोजाना खाने के बाद 5-10 मिनट तक नियमित रूप से वज्रासन क्रिया की जाए तो समस्या कम हो सकती है।

3. ताड़ासन

यह सबसे सरल आसनों में से एक है जिसे कोई भी कर सकता है। ताड़ासन एक ऐसा व्यायाम है, जो न सिर्फ यूरिक एसिड को कम करता है, बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। इस मुद्रा को करने से शरीर लचीला बनता है। आपको गहरी सांस लेनी है।

4. पश्चिमोत्तानासन

इस क्रिया में आपको बैठकर पैरों को सीधा रखना है और फिर शरीर को आगे की ओर धकेलना है। इसके लिए आपको अपने पैर की उंगलियों को छूना होगा ताकि क्रिया सही तरीके से हो सके। यह आसन मेटाबॉलिज्म को मजबूत करता है और तनाव को कम करता है।

5. सेतु बंधासन

यह आसन रीढ़, घुटनों और कूल्हों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसे रोजाना करने से रक्त संचार बेहतर होता है और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। इस आसन को करने से शरीर से खराब विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं।

6. अर्ध मत्स्येन्द्रासन

यह घुमावदार और मुड़ी हुई शारीरिक मुद्रा वाला आसन रीढ़ और जोड़ों में अकड़न को दूर करता है। यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह गठिया के लक्षणों को कम करने में सबसे ज्यादा मदद करता है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी मजबूत करता है।

7. प्राणायाम

यह श्वास क्रिया मानसिक तनाव को कम करती है, जिससे सूजन और दर्द दोनों से राहत मिलती है। अगर इसे रोजाना कुछ समय तक किया जाए तो यह तनाव को भी कम करता है। प्राणायाम यूरिक एसिड की समस्या को कम करता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here