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गरुड़ पुराण में छिपा दांपत्य जीवन का रहस्य! वीडियो में जाने 7 सूत्र जो वैवाहिक जीवन को बना देंगे स्वर्ग

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गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में गिना जाता है। इसमें जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के रहस्यों के साथ-साथ मानव जीवन को सही दिशा देने वाले कई सूत्र बताए गए हैं। अक्सर लोग गरुड़ पुराण को केवल मृत्यु से जुड़े कर्मकांड या परलोक यात्रा से जोड़ते हैं, लेकिन इसमें दांपत्य जीवन यानी पति-पत्नी के रिश्ते को भी गहराई से समझाया गया है। इसमें बताए गए नियम और आदर्श आज भी जीवन को संतुलित और सुखी बनाने में बेहद कारगर माने जाते हैं।

दांपत्य जीवन का महत्व

गरुड़ पुराण के अनुसार, विवाह केवल सामाजिक संस्था नहीं है बल्कि यह आत्माओं का पवित्र बंधन है। पति-पत्नी का संबंध आपसी विश्वास, सम्मान और कर्तव्यों के आधार पर खड़ा होता है। यदि इन सिद्धांतों का पालन किया जाए तो वैवाहिक जीवन न केवल सफल होता है बल्कि परिवार और समाज के लिए भी आदर्श बनता है।

आपसी सम्मान और विश्वास

ग्रंथ में कहा गया है कि पति-पत्नी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। जब जीवनसाथी के विचारों, भावनाओं और इच्छाओं का आदर किया जाता है, तभी रिश्ते में मजबूती आती है। गरुड़ पुराण यह भी बताता है कि विश्वास किसी भी दांपत्य जीवन की नींव है। यदि भरोसा डगमगा जाए तो रिश्ते में दरार आना तय है।

वाणी और व्यवहार में मधुरता

गरुड़ पुराण में साफ कहा गया है कि दांपत्य जीवन में कटु वचन सबसे बड़ा विनाशक होता है। पति-पत्नी को चाहिए कि वे एक-दूसरे से मधुर और संयमित भाषा का प्रयोग करें। क्रोध और तानों से रिश्ते कमजोर होते हैं जबकि प्रेम और धैर्य रिश्तों को अटूट बनाते हैं।

धर्म और कर्तव्य का पालन

पति-पत्नी को अपने-अपने धर्म और कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। पति का कर्तव्य है कि वह पत्नी का संरक्षण और सम्मान करे, जबकि पत्नी का कर्तव्य है कि वह परिवार की मर्यादा और सुख-सुविधाओं का ध्यान रखे। गरुड़ पुराण बताता है कि जब दोनों अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं, तभी घर में शांति और समृद्धि आती है।

परस्पर सहयोग और समझ

किसी भी रिश्ते में सहयोग और समझ बहुत जरूरी है। गरुड़ पुराण में यह बात प्रमुखता से कही गई है कि कठिन परिस्थितियों में पति-पत्नी को एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। सुख-दुख में साथ निभाना ही रिश्ते को लंबे समय तक जीवंत रखता है।

आर्थिक संतुलन और संयम

गरुड़ पुराण यह भी बताता है कि दांपत्य जीवन में आर्थिक मामलों पर विवाद नहीं होना चाहिए। पति-पत्नी को खर्च और आय का संतुलन बनाकर चलना चाहिए। फिजूलखर्ची या लालच से बचना ही रिश्ते को मजबूत बनाता है।

संयमित जीवन और सदाचार

ग्रंथ के अनुसार, पति-पत्नी दोनों को संयमित जीवन जीना चाहिए। बुरी आदतें, झूठ या छल-कपट रिश्तों में अविश्वास पैदा करते हैं। जबकि सच्चाई, निष्ठा और सदाचार से रिश्ते और भी मजबूत बनते हैं।

परिवार और समाज में आदर्श

गरुड़ पुराण कहता है कि जो दंपति प्रेम, धैर्य, कर्तव्य और धर्म के मार्ग पर चलते हैं, वे समाज में आदर्श बन जाते हैं। उनका जीवन दूसरों को प्रेरणा देता है और उनका परिवार सुख-शांति से भर जाता है।

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