क्रिकेट न्यूज डेस्क।। पहले रोहित शर्मा और अब विराट कोहली। एक सप्ताह में दो दिग्गजों के संन्यास से क्रिकेट जगत स्तब्ध है। रोहित शर्मा ने 7 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की और फिर 12 मई को विराट कोहली ने भी टेस्ट को अलविदा कह दिया। दोनों खिलाड़ियों ने अपना आखिरी टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेला था। इस तरह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी यानी बीजीटी ने एक बार फिर दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों के करियर का अंत कर दिया। यह पहली बार नहीं है कि भारतीय खिलाड़ियों को बीजीटी में खराब प्रदर्शन के बाद संन्यास लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अतीत में ऐसे कई उदाहरण रहे हैं।
यह सिलसिला गांगुली के संन्यास के साथ शुरू हुआ।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी महज एक सीरीज नहीं है, बल्कि कई खिलाड़ियों के करियर का अहम मोड़ भी साबित हुई है। इस प्रतिष्ठित टेस्ट सीरीज ने अब तक 9 भारतीय दिग्गजों का करियर खत्म कर दिया है। आइए जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
2008 में, सौरव गांगुली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उस सीरीज के बाद ‘दादा’ का शानदार करियर खत्म हो गया। बीजीटी न केवल गांगुली के लिए, बल्कि अनिल कुंबले के लिए भी आखिरी श्रृंखला साबित हुई। 2011-12 में जब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया तो वह सीरीज वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के लिए आखिरी टेस्ट सीरीज साबित हुई। उस सीरीज में दोनों का प्रदर्शन खराब रहा था और वापसी के बाद दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने संन्यास की घोषणा कर दी थी।
सहवाग और धोनी भी गए।
2012-13 में भारत में खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी वीरेंद्र सहवाग के करियर का आखिरी पड़ाव साबित हुई। इस सीरीज के बाद सहवाग को टीम से बाहर कर दिया गया और उन्हें वापसी का मौका नहीं मिला। महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भी इसी दौरान लिया। उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एमसीजी में खेला था। अब रोहित और विराट ने बीजीटी 2024-25 के बाद टेस्ट से संन्यास ले लिया है। इन दोनों खिलाड़ियों से पहले आर अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
उल्लेखनीय है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी ने न केवल भारतीय क्रिकेट को ऐतिहासिक मैच दिए, बल्कि इस सीरीज ने कई महान खिलाड़ियों के करियर का अंतिम अध्याय भी लिखा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगली बार यह ट्रॉफी किसके करियर के लिए अहम साबित होगी।