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गिरावट के बीच अमेरिकी बाजार में दिखी भारी बिकवाली, ये है सबसे बड़ी वजह

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बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। इसका कारण बांड पर बढ़ती आय तथा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कर कटौती विधेयक पर चिंता थी। इस विधेयक पर फिलहाल अमेरिकी सदन में चर्चा चल रही है। आपको बता दें कि यह विधेयक डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के एजेंडे का हिस्सा है। बुधवार को डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 817 अंक या 1.9% नीचे बंद हुआ। एसएंडपी 500 में 1.6% की गिरावट आई तथा प्रौद्योगिकी-प्रधान नैस्डैक में 1.4% की गिरावट आई।

बांड पर प्राप्त होने वाले मुनाफे में वृद्धि के कारण अमेरिका में उधार लेने की लागत बढ़ गई, जिससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में निवेशकों की चिंताएं बढ़ गईं। 10-वर्षीय ट्रेजरी प्रतिफल 4.48% से बढ़कर 4.58% हो गया, जो फरवरी के बाद से उच्चतम है।

ऋण की चिंता

कांग्रेस के बजट कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि ट्रम्प की कर नीति से राष्ट्रीय ऋण में 3.8 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि होगी। “वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट” में 2017 के ट्रम्प कर कटौती का विस्तार, साथ ही मेडिकेड और आव्रजन नीति में परिवर्तन शामिल हैं। रिपब्लिकन इसे मेमोरियल डे तक पारित करना चाहते हैं।

पिछले सप्ताह मूडीज ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटा दी, जिससे ऋण बाजारों में हलचल मच गई। जैसे ही बांड की मांग में गिरावट आई, बांड की कीमतें गिर गईं और प्रतिफल बढ़ गया। बंधक और क्रेडिट कार्ड जैसे ऋणों पर ब्याज दरें दीर्घकालिक राजकोषीय बांडों पर प्राप्त प्रतिफल द्वारा निर्धारित होती हैं।

जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो कंपनियों के लिए उधार लेना महंगा हो जाता है। इससे कार्यालय विस्तार या नई भर्ती जैसी योजनाएं रुक सकती हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में मंदी का खतरा बढ़ सकता है।

अमेरिकी बाजार में गिरावट के 3 सबसे बड़े कारण

1. कंपनियों के शेयरों में गिरावट: टारगेट के शेयरों में 6% की गिरावट आई क्योंकि इसने अपने पूरे वर्ष की आय के पूर्वानुमान में कटौती की। टेस्ला में 3% और एप्पल में 2% की गिरावट आई, जिससे तकनीकी क्षेत्र पर दबाव बढ़ गया।

2. बांड प्रतिफल में वृद्धि: 10-वर्षीय ट्रेजरी प्रतिफल 4.59% तक पहुंच गया, जो हाल के वर्षों में सबसे अधिक है। इससे निवेशकों में यह आशंका पैदा हो गई कि उच्च ब्याज दरें अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

3. बजट घाटे की चिंता: अमेरिकी कांग्रेस में एक बड़े कर और व्यय विधेयक पर बहस चल रही थी, जिससे सरकारी घाटा बढ़ने की आशंका थी। इससे निवेशकों का विश्वास डगमगा गया। इस बात की आशंका बढ़ गई कि विदेशी निवेशक अमेरिकी घाटे को पूरा करने में कम रुचि लेंगे। इससे बाजार में अस्थिरता पैदा हो गई और निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर मुड़ गए।

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