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गुंटूर में सीएम जगन रेड्डी के काफिले की गाड़ी से कुचले गए युवक की मौत, वायरल वीडियो ने उठाए सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल

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आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से एक बेहद भयावह और चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी है। यह घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का काफिला इलाके से गुजर रहा था। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि काफिले में शामिल एक वाहन ने सड़क किनारे खड़े एक व्यक्ति को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक व्यक्ति का सिर वाहन के पिछले टायर के नीचे बुरी तरह आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि वीआईपी मूवमेंट के दौरान आम जनता की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यह हादसा उस समय हुआ जब सीएम जगन रेड्डी का काफिला तेज रफ्तार से इलाके से गुजर रहा था और उन्हें देखने और उनका अभिवादन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर जमा हो गए थे। यह हादसा अफरातफरी के माहौल में हुआ और प्रशासन की ओर से कोई भी समय पर मदद के लिए नहीं पहुंच सका।

सोशल मीडिया पर गूंजा घटना का दर्दनाक वीडियो
इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सड़क किनारे खड़ा एक व्यक्ति धक्का लगने के बाद अचानक कार के पास पहुंचता है और अगले ही पल सीएम के काफिले की गाड़ी का पिछला टायर उसके सिर को कुचल देता है। वीडियो देखकर किसी की भी रूह कांप जाएगी, क्योंकि यह मंजर बेहद भयावह और दर्दनाक है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को वीआईपी मूवमेंट के नाम पर आम लोगों की जान जोखिम में डालने का मामला बता रहे हैं।

मृतक की पहचान और परिवार का दुख
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मृतक व्यक्ति की पहचान गुंटूर जिले के ही निवासी के रूप में हुई है। वह जगन रेड्डी का समर्थक था और उन्हें देखने के लिए वहां खड़ा था। परिवार वालों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही ने उनके घर का चिराग बुझा दिया है। परिवार वाले फूट-फूट कर रो रहे हैं और कह रहे हैं कि ”हमारे भाई को सीएम को देखने की खुशी थी, लेकिन अब वह खुद दुनिया छोड़कर चले गए।”

प्रशासन की चुप्पी और विपक्ष का गुस्सा
घटना के बाद सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि शुरुआत में प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। यह चुप्पी न केवल लोगों को परेशान कर रही है, बल्कि यह सवाल भी उठा रही है कि क्या वीआईपी मूवमेंट के दौरान आम आदमी की जान की कीमत शून्य हो जाती है?

इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सीएम कार्यालय और सुरक्षा व्यवस्था पर तीखा हमला बोला है। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि “जगन रेड्डी की सरकार में आम आदमी की जान की कोई कीमत नहीं है। अगर यह हादसा किसी आम नेता की वजह से हुआ होता तो अब तक हत्या का मामला दर्ज हो चुका होता। लेकिन चूंकि यह मुख्यमंत्री के काफिले से जुड़ी घटना है, इसलिए सभी चुप हैं।”

प्रशासन ने जांच शुरू की, लेकिन क्या न्याय मिलेगा?
घटना के बाद अब जिला प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गई है। बताया जा रहा है कि घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। हालांकि, यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या यह जांच निष्पक्ष होगी? क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा या यह मामला भी अन्य वीआईपी हादसों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?

सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा और ट्रेंड
#JusticeForGunturVictim और #VIPCultureMustEnd जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। आम लोग पूछ रहे हैं कि अगर वीआईपी मूवमेंट से जनता की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो सकती तो ऐसे दौरे का क्या औचित्य है? कई यूजर्स ने प्रशासन और पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘तगड़ी सुरक्षा’ के नाम पर आम जनता को बार-बार दरकिनार किया जाता है, लेकिन जब कोई हादसा होता है तो कोई जिम्मेदारी नहीं लेता।

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