क्रिकेट न्यूज डेस्क।। इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज़ के बीच भारतीय उप-कप्तान ऋषभ पंत ने एक बड़ा बयान दिया है, जिससे एक नई चर्चा शुरू हो गई है। दोनों टीमों के बीच सीरीज़ का तीसरा मैच ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाना है। इस मैच से एक दिन पहले, ऋषभ पंत टीम इंडिया की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए। इस दौरान उन्होंने टेस्ट सीरीज़ में इस्तेमाल की गई ड्यूक्स गेंद पर सवाल उठाए।
गिल के बाद पंत भी इस चर्चा में कूद पड़े
ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज़ में ड्यूक्स गेंद की गुणवत्ता की कड़ी आलोचना की है। पंत ने कहा कि उन्होंने पहले कभी गेंद को इतनी जल्दी खराब और नरम होते नहीं देखा। इस सीरीज़ में गेंद का आकार खोना और जल्दी नरम हो जाना एक बड़ी समस्या बन गई है, जिसने गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों के लिए चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। बता दें कि सीरीज़ के पहले मैच में टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने कई बार अंपायर से गेंद बदलने की मांग की थी। बाद में गेंद बदली भी गई। इससे पहले, शुभमन गिल ने एजबेस्टन टेस्ट जीतने के बाद ड्यूक्स गेंद पर सवाल उठाए थे।
पंत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “गेंद का आकार (चाहे वह ड्यूक हो या कूकाबुरा) एक जैसा होना चाहिए। लेकिन अगर यह छोटी होती तो बेहतर होता। गेंद काफी परेशानी दे रही है। मुझे लगता है कि यह एक बड़ी समस्या है क्योंकि गेंद का आकार बिगड़ रहा है। गेंद का आकार काफी बिगड़ रहा है। मेरे साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह खिलाड़ियों के लिए परेशान करने वाला है क्योंकि हर गेंद अलग तरह से खेलती है। जब यह नरम हो जाती है, तो कभी-कभी कोई हलचल नहीं होती। लेकिन जैसे ही गेंद बदलती है, काफी मदद मिलती है। एक बल्लेबाज के तौर पर आपको इसके साथ तालमेल बिठाते रहना होता है। लेकिन साथ ही मुझे लगता है कि यह क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है।”
गेंद बनाने वाली कंपनी के मालिक ने भी दी सफाई
इंग्लैंड में चल रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले दो टेस्ट मैचों में ड्यूक गेंद की गुणवत्ता पर बार-बार सवाल उठाए गए। शुरुआती ओवरों में गेंदबाजों को नई गेंद से मदद मिलती है, लेकिन उसके बाद गेंद नरम हो जाती है और अपना आकार खो देती है, जिससे गेंदबाजों के लिए विकेट लेना मुश्किल हो जाता है। गेंद बनाने वाली कंपनी के मालिक दिलीप जाजोदिया ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हमें समझना होगा कि अब बल्ले बदल गए हैं। वे ज़्यादा मज़बूत हो गए हैं। सिर्फ़ बल्ले ही नहीं, बल्कि खिलाड़ी भी मज़बूत हो गए हैं। यही वजह है कि अब वे छक्के लगा रहे हैं। अगर मैं ज़्यादा मज़बूत गेंद बनाऊँगा, तो बल्ला टूट जाएगा। गेंद बनाते समय हमें खेल के नियमों का ध्यान रखना होगा।”