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‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की शूटिंग थी मुश्किल, ऋचा चड्ढा ने किया खुलासा

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मुंबई, 22 जून (आईएएनएस)। अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने कहा है कि अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की शूटिंग काफी मुश्किल थी। यह फिल्म, अब एक मशहूर क्लासिक बन चुकी है और रविवार को अपने 13 साल पूरे कर चुकी है।

ऋचा ने अपने इंस्टाग्राम पर गैंगस्टर ड्रामा से पर्दे के पीछे की कुछ झलकियां साझा कीं। तस्वीरों के साथ, उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के पुराने होने के बारे में एक भावुक नोट भी लिखा।

ऋचा ने लिखा, ” ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ को 13 साल मुबारक! तुम आज भी शानदार हो। काश, मैं दुनिया के लिए भी यह कह पाती। आज के समय में तुम जैसी फिल्म शायद न बन पाए। कौन जोखिम लेगा दो हिस्सों वाली इतनी बड़ी कहानी बनाने का, जो अवैध कोयला खनन की पृष्ठभूमि में पीढ़ियों की हिंसा दिखाए? खुशी है कि तुम हो! तुमसे प्यार है। सोहिल शाह और पूरी टीम को प्यार, यह फिल्म बनाना आसान नहीं था।”

इससे पहले मनोज बाजपेयी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के कुछ दमदार दृश्यों का एक वीडियो संकलन पोस्ट किया था। बाजपेयी ने कहा कि यह फिल्म हमेशा के लिए भारतीय पंथ सिनेमा को आकार देने के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने लिखा, “हजरत, हजरत, हजरत! 13 साल पहले, ‘वासेपुर’ ने भारतीय सिनेमा को फिर से परिभाषित किया। कोयला, अपराध और पंथ संवादों की एक गाथा जो अभी भी स्क्रीन और सड़कों पर गूंजती है। एक प्रोजेक्ट से अधिक, यह इतिहास का एक क्षण बन गया, जिसने भारतीय पंथ सिनेमा को हमेशा के लिए आकार दिया।”

ऋचा और बाजपेयी के साथ फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पंकज त्रिपाठी, जयदीप अहलावत, हुमा कुरेशी, पीयूष मिश्रा और तिग्मांशु धूलिया सहित कई प्रतिभाशाली कलाकार हैं।

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ धनबाद के कोयला माफिया (माफिया राज) के सत्ता संघर्ष और अपराधी परिवारों के बीच टकराव की कहानी है। इसका पहला भाग 22 जून 2012 को जारी किया गया था और दूसरा भाग 8 अगस्त 2012 को जारी किया गया था।

पिछले कुछ वर्षों में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने दर्शकों के बीच एक पंथ का दर्जा हासिल कर लिया है।

–आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

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