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गौतम अडानी की 2026 से 2028 के बीच पांच कंपनियों के आईपीओ लाने की योजना, जानें क्यों लिया ये बड़ा फैसला

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देश के दूसरे सबसे अमीर और जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी अपने बिजनेस ग्रुप की एयरपोर्ट यूनिट के लिए आईपीओ लाने की तैयारी कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप 2027 तक अपनी एयरपोर्ट होल्डिंग्स कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट कराने की योजना बना रहा है। इस आईपीओ के जरिए लगभग 1 अरब डॉलर की इक्विटी जुटाने की संभावना है, जिसे ग्रुप आने वाले वर्षों में अपने विभिन्न व्यवसायों में निवेश के लिए उपयोग करेगा। अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स भारत के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर एयरपोर्ट ऑपरेटरों में से एक है और फिलहाल यह आठ एयरपोर्ट्स को सफलतापूर्वक ऑपरेट कर रहा है। ग्रुप का यह भी प्लान है कि मुंबई के बाहरी इलाके में जल्द ही एक नया टर्मिनल खोला जाएगा, जिससे उनकी एयरपोर्ट्स की क्षमता और भी बढ़ेगी।

100 अरब डॉलर का कैपिटल एक्सपेंडिचर प्लान

गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने अगले पांच से छह वर्षों में 100 अरब डॉलर के विशाल पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) का रोडमैप तैयार किया है। इस निवेश का फोकस एनर्जी, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख सेक्टरों को मजबूत करने और विस्तार देने पर होगा। आईपीओ से जुटाई गई राशि इसी विस्तार योजना का हिस्सा होगी।

पिछले विवाद और चुनौतियां

हालांकि, अडानी ग्रुप ने हाल के वर्षों में कुछ बड़ी चुनौतियों का सामना भी किया है। 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने ग्रुप पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। इसके अलावा, पिछले साल नवंबर में अमेरिकी न्याय विभाग ने गौतम अडानी और उनके भतीजे पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए, जिससे शेयर बाजार में कंपनी के शेयरों की कीमत प्रभावित हुई। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है और अपने बिजनेस संचालन को जारी रखा है।

चीन दौरे से व्यापारिक संबंधों को मजबूती

इन सभी विवादों के बीच, गौतम अडानी ने हाल ही में चीन का दौरा किया, जो अमेरिका में लगे आरोपों के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक उपकरण और सोलर मॉड्यूल निर्माताओं से मिलकर व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना था। अडानी ग्रुप गुजरात में एक बड़ा सोलर पार्क बना रहा है और चीन सोलर मॉड्यूल और सोलर सेल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। इस साझेदारी से ग्रुप को सौर ऊर्जा क्षेत्र में अपनी पकड़ और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

गौतम अडानी की एयरपोर्ट यूनिट का आईपीओ लाने का फैसला उनके विशाल विस्तार और निवेश की रणनीति का हिस्सा है। 2027 तक इस यूनिट के शेयर बाजार में आने की संभावना से अडानी ग्रुप को पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी, जिससे वे अपने एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स व्यवसायों को और आगे बढ़ा सकेंगे। हालांकि, कंपनी के सामने कानूनी और वित्तीय चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन अडानी ग्रुप अपनी विस्तार योजनाओं को लेकर आश्वस्त नजर आ रहा है।

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