भारत में हर आम और खास आदमी के मन में कभी न कभी यह सवाल जरूर आता है कि घर में कितना कैश रखना कानूनी है? खासतौर पर जब किसी वजह से बड़ी रकम नकद में हाथ लगती है — चाहे वो बिजनेस की आमदनी हो, जमीन-जायदाद की बिक्री से आए पैसे हों या फिर कोई अन्य स्रोत। लेकिन इनकम टैक्स विभाग इस विषय पर क्या कहता है? क्या घर में कैश रखने की कोई तय सीमा है? क्या इसके लिए जुर्माना या जेल भी हो सकती है?
आइए विस्तार से जानते हैं इनकम टैक्स नियमों के अनुसार कैश रखने के नियम, जोखिम, प्रतिबंध और जरूरी सावधानियां।
क्या घर में कैश रखने की कोई लिमिट है?
सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि घर में कैश रखने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में कोई तय सीमा (Limit) निर्धारित नहीं की गई है। यानी, आप अपने घर में चाहे जितना कैश रखना चाहें, रख सकते हैं — लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
अगर आपके पास जवाबदेही (Justification) है, यानी आप यह साबित कर सकते हैं कि यह पैसा किस स्रोत से आया है और इस पर आपने टैक्स अदा किया है, तो आप बड़ी से बड़ी रकम भी अपने पास रख सकते हैं।
घर में कैश रखते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
1. सोर्स ऑफ इनकम स्पष्ट होना चाहिए
अगर किसी जांच एजेंसी या आयकर विभाग द्वारा आपके घर पर छापा मारा जाता है और वहां नकद राशि बरामद होती है, तो आपसे उस पैसे का सोर्स पूछा जाएगा। उदाहरण के लिए:
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क्या यह आपकी सैलरी का हिस्सा है?
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क्या यह किसी प्रॉपर्टी की बिक्री से आया है?
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क्या यह व्यवसाय से हुई कमाई है?
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क्या आपने इस पर टैक्स चुकाया है?
अगर आप इस रकम का स्रोत नहीं बता पाते हैं, तो यह रकम अघोषित आय (Undisclosed Income) मानी जाएगी।
2. ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न होना जरूरी है
घर में रखे नकद पैसे की आईटीआर (ITR) में घोषणा होनी चाहिए। यानी, आपने अपने आयकर रिटर्न में इसका ज़िक्र किया हो, तभी यह कानूनी रूप से वैध माना जाएगा। वरना, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसे बेनामी संपत्ति मान सकता है और आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
3. जांच में अगर पैसा साबित न हो पाया तो क्या होगा?
अगर आप इनकम टैक्स विभाग को यह नहीं बता पाते हैं कि पैसा कहां से आया, तो:
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वह रकम जब्त की जा सकती है।
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आप पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है (कई मामलों में रकम का 60-75% तक जुर्माना लिया गया है)।
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गिरफ्तारी तक की नौबत आ सकती है अगर यह साबित हो जाए कि आपने जानबूझकर टैक्स चोरी की है।
बैंक ट्रांजैक्शन और पैन कार्ड की जरूरत
सिर्फ घर में कैश रखने की ही बात नहीं, बैंक से लेन-देन पर भी सरकार की पैनी नजर रहती है। इसलिए कुछ जरूरी नियम भी जान लें:
1. ₹50,000 से ज्यादा जमा या निकासी पर PAN अनिवार्य
अगर आप एक बार में ₹50,000 से ज्यादा नकद बैंक में जमा या निकालते हैं, तो आपको पैन कार्ड (PAN Card) दिखाना अनिवार्य है। बिना पैन नंबर के इतनी बड़ी रकम का नकद ट्रांजैक्शन नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
2. 3 साल तक ITR न भरने वालों के लिए सख्त नियम
अगर आपने पिछले तीन वर्षों से ITR फाइल नहीं किया है, और आप एक वित्तीय वर्ष में ₹20 लाख से ज्यादा कैश बैंक से निकालते हैं, तो आपको:
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2% TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) देना होगा ₹20 लाख से ऊपर की रकम पर।
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अगर ₹1 करोड़ से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन होता है तो यह TDS 5% तक बढ़ सकता है।
लेकिन अगर आप नियमित रूप से ITR फाइल करते हैं, तो आपको इस नियम से कुछ राहत मिल सकती है।
कैश लेन-देन में इन नियमों का भी रखें ध्यान:
1. कैश में किसी से ₹2 लाख से ज्यादा न लें
इनकम टैक्स एक्ट की धारा Section 269ST के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक दिन में, एक व्यक्ति से ₹2 लाख से ज्यादा कैश में लेन-देन नहीं कर सकता। इसका उल्लंघन करने पर ₹2 लाख जितना ही जुर्माना लगाया जा सकता है।
2. शादी या अन्य अवसरों पर कैश गिफ्ट
अगर किसी शादी या फंक्शन के मौके पर किसी ने आपको ₹50,000 से ज्यादा का कैश गिफ्ट दिया है, तो उसे भी ITR में दिखाना होता है। अगर आप यह साबित नहीं कर पाते कि गिफ्ट कहां से आया तो वह भी टैक्सेबल इनकम मानी जा सकती है।
नकदी रखने में किन लोगों को ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए?
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बिजनेसमैन: जिनकी आमदनी नकद में होती है, उन्हें हर कैश ट्रांजैक्शन का पूरा रिकॉर्ड रखना चाहिए।
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प्रॉपर्टी डीलर: जमीन-जायदाद की बिक्री में बड़ी नकदी चलती है, जो जांच का विषय बन सकती है।
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ज्वेलर्स या अन्य ट्रेडर्स: जिनके पास अक्सर बड़ी नकद राशि रहती है, उन्हें सही बहीखाता रखना चाहिए।
इनकम टैक्स विभाग की नजर कैसे रहती है?
आज के डिजिटल युग में आयकर विभाग के पास कई तरीके हैं यह पता लगाने के कि:
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किसी के खाते में बड़ी रकम अचानक जमा हुई है।
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कोई व्यक्ति ITR नहीं भरता फिर भी बैंक से बार-बार बड़ी नकद निकासी करता है।
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रेड फ्लैग ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया जाता है और इसके बाद छानबीन होती है।
इसलिए इनकम टैक्स विभाग बिना किसी नोटिस के भी जांच शुरू कर सकता है, अगर उसे कुछ संदेहास्पद लगे।
तो घर में कितना कैश रखें?
हालांकि कोई सीधी सीमा नहीं है, फिर भी वित्तीय सलाहकार और टैक्स एक्सपर्ट की माने तो:
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आप अपनी आवश्यकता और जोखिम क्षमता के अनुसार ही कैश रखें।
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₹2 लाख से ऊपर की राशि रखने पर आपको पुख्ता डॉक्यूमेंट्स और सोर्स प्रूफ तैयार रखने चाहिए।
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हमेशा कोशिश करें कि आपकी अधिकतर कमाई बैंकिंग माध्यमों से ही हो, ताकि ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड बना रहे।
निष्कर्ष: समझदारी ही बचाव है
घर में कैश रखना अपराध नहीं है, लेकिन उसकी जवाबदेही तय होना जरूरी है। अगर आप टैक्स नियमों का पालन करते हैं, ITR भरते हैं और आपकी आमदनी वैध है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं। लेकिन अगर आप अघोषित कैश जमा करके रखते हैं और किसी भी वक्त उसका सोर्स नहीं बता सकते, तो आप कानूनी संकट में फंस सकते हैं।