आज के दौर में महिलाएं घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहना चाहतीं। खासकर हाउसवाइव्स अपने खाली समय का सदुपयोग कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। घरेलू व्यवसाय (home-based business) उनके लिए एक अच्छा विकल्प बनकर उभरा है। लेकिन इस रास्ते में कई चुनौतियां भी हैं, जो अक्सर उनके आत्मविश्वास को डगमगाने लगती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि हाउसवाइव्स को घरेलू व्यवसाय शुरू करते समय किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उनके व्यावहारिक समाधान क्या हो सकते हैं।
1. परिवार और समाज की सोच
अभी भी कई जगहों पर पारिवारिक और सामाजिक सोच महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने से पहले ही रोक देती है। “घर संभालो, बाहर की चिंता मत करो” जैसी मानसिकता महिलाओं के आत्मविश्वास पर असर डालती है।
समाधान: हाउसवाइव्स को अपने परिवार के सदस्यों के साथ खुलकर संवाद करना चाहिए। उन्हें समझाना चाहिए कि घरेलू व्यवसाय से न केवल आत्मनिर्भरता आएगी, बल्कि परिवार की आय भी बढ़ेगी। कई बार जब परिवार को आर्थिक लाभ दिखता है तो समर्थन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
2. फंडिंग की कमी
बिजनेस शुरू करने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है, और यही सबसे बड़ी बाधा बनती है। ज्यादातर हाउसवाइव्स आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं होतीं, जिससे उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक फंड नहीं मिल पाता।
समाधान: महिलाएं सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे मुद्रा योजना, महिला उद्यमिता योजना या स्टार्टअप इंडिया जैसी स्कीम्स का लाभ उठा सकती हैं। इसके अलावा, स्वयं सहायता समूहों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों से भी बिना गारंटी लोन प्राप्त किया जा सकता है।
3. समय का अभाव
घर की जिम्मेदारियों के बीच में समय निकालना एक और बड़ी समस्या होती है। बच्चों की देखभाल, खाना बनाना, साफ-सफाई आदि में महिला की दिनचर्या पूरी तरह व्यस्त रहती है।
समाधान: समय प्रबंधन की कला सीखना बेहद जरूरी है। घर के कामों को शेड्यूल के हिसाब से बांटें और कुछ घंटों को विशेष रूप से व्यवसाय के लिए आरक्षित करें। परिवार के सहयोग से समय प्रबंधन आसान हो सकता है।
4. तकनीकी जानकारी की कमी
डिजिटल युग में व्यवसाय चलाने के लिए बेसिक टेक्नोलॉजी स्किल्स जैसे सोशल मीडिया मार्केटिंग, ऑनलाइन पेमेंट, व्हाट्सएप बिजनेस आदि का ज्ञान जरूरी है। लेकिन कई महिलाएं इससे अंजान होती हैं।
समाधान: आज कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब, गूगल, कौशल विकास पोर्टल आदि पर फ्री कोर्स उपलब्ध हैं। इनका इस्तेमाल कर महिलाएं आसानी से डिजिटल स्किल्स सीख सकती हैं। साथ ही, लोकल NGO या ट्रेनिंग सेंटर से भी ट्रेनिंग ली जा सकती है।
5. मार्केटिंग और नेटवर्किंग की जानकारी नहीं होना
उत्पाद या सेवा तो तैयार हो जाती है, लेकिन उसे बेचने का तरीका कई महिलाओं को नहीं पता होता। नेटवर्किंग की कमी के कारण ग्राहक नहीं मिलते।
समाधान: सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप बिजनेस, Pinterest आदि पर बिजनेस प्रोफाइल बनाकर प्रचार शुरू करें। दोस्तों और रिश्तेदारों के जरिए “word of mouth” मार्केटिंग करें। छोटे मेलों, हाटों या स्थानीय बाज़ारों में स्टॉल लगाकर नेटवर्क बढ़ाएं।