हनुमान जी को हिंदू धर्म में अमरत्व प्राप्त आठ महान चिंरजीवियों में से एक माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वे कलियुग में भी जीवित हैं और संसार में कहीं न कहीं निवास करते हैं। जहां अधिकांश देवताओं ने अपने धामों को लौटने का वरण किया, वहीं हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम की सेवा और धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर ही रहने का संकल्प लिया था। इसीलिए उन्हें “चिंरजीवी” कहा जाता है, यानी जो आज भी जीवित हैं।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि हनुमान जी कलियुग में कहां निवास करते हैं? क्या वे आज भी किसी विशेष स्थान पर रहते हैं? या फिर वे अपने भक्तों की पुकार पर हर जगह प्रकट हो जाते हैं? धार्मिक ग्रंथों और किंवदंतियों में इससे जुड़े कई रहस्य मिलते हैं, जो इस विषय को और अधिक रहस्यमयी बना देते हैं।
पौराणिक मान्यताएं और प्रमाण
वाल्मीकि रामायण, महाभारत और अन्य पुराणों में यह वर्णन है कि जब प्रभु श्रीराम ने वैकुंठ लौटने का निर्णय लिया, तब उन्होंने हनुमान जी से कहा कि वे युगों-युगों तक पृथ्वी पर रहें और धर्म की रक्षा करें। हनुमान जी ने इस आदेश को स्वीकार किया और तभी से वे कलियुग में भी पृथ्वी पर विचरण कर रहे हैं।
ब्रह्मवैवर्त पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी हिमालय क्षेत्र, गंधमादन पर्वत, और कुछ अन्य पवित्र तीर्थों पर निवास करते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य है धर्म की रक्षा और सच्चे भक्तों की सहायता करना।
कहां है उनका रहस्यमयी निवास?
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गंधमादन पर्वत (उत्तराखंड)
ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी का मुख्य निवास स्थान गंधमादन पर्वत है, जो हिमालय के क्षेत्र में स्थित है। यह स्थान इतना दुर्गम और रहस्यमयी है कि आज तक कोई भी निश्चित रूप से वहां तक नहीं पहुंच पाया। कहा जाता है कि हनुमान जी वहीं समाधि में लीन रहते हैं। -
मनसा देवी क्षेत्र (हरिद्वार)
कुछ मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी हरिद्वार के पास मनसा देवी की पहाड़ियों पर भी कभी-कभी प्रकट होते हैं और गुप्त रूप से तपस्या करते हैं। -
चित्रकूट और हनुमान धारा (मध्य प्रदेश)
चित्रकूट, जहां श्रीराम ने वनवास काल बिताया, वहां हनुमान जी का ‘हनुमान धारा’ स्थल भी है। मान्यता है कि हनुमान जी यहां स्नान और ध्यान करते हैं। -
लेपाक्षी मंदिर (आंध्र प्रदेश)
यह भी माना जाता है कि इस स्थान पर हनुमान जी की ऊर्जा आज भी सक्रिय है। यहां की मूर्ति को “चिंरजीवी हनुमान” के प्रतीक रूप में पूजा जाता है।
क्यों नहीं दिखाई देते हनुमान जी?
पौराणिक मान्यता है कि हनुमान जी केवल उन्हीं को दिखाई देते हैं जिनमें अटल श्रद्धा, निर्मल मन और निष्काम भक्ति होती है। कलियुग में उनका अस्तित्व अदृश्य रूप में बना रहता है। लेकिन जब भी उनके किसी सच्चे भक्त को संकट होता है, वे किसी न किसी रूप में उसकी सहायता अवश्य करते हैं।
निष्कर्ष
हनुमान जी आज भी जीवित हैं, और यह विश्वास हिंदू आस्था का आधार है। उनका चिंरजीवी स्वरूप भक्तों को यह प्रेरणा देता है कि श्रद्धा, साहस और सेवा के साथ धर्म के मार्ग पर चलना ही सच्ची भक्ति है। चाहे वे गंधमादन में हों या किसी मंदिर के गर्भगृह में—हनुमान जी सदा अपने भक्तों के साथ रहते हैं। वीडियो में जानें कि कौन-सी जगहों पर आज भी हनुमान जी की उपस्थिति के चमत्कारी अनुभव होते हैं और उनसे जुड़ी पौराणिक कहानियां।