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जप माला में क्यों होते हैं 108 मोती, क्या है इसके पीछे का रहस्य, जानिए यहां

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जप माला, जिसे अक्सर ध्यान और मंत्र जाप के दौरान उपयोग किया जाता है, भारतीय संस्कृति और धर्मों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह माला आमतौर पर 108 मोतियों से बनी होती है, जिसे देखकर कई लोग यह सवाल करते हैं कि आखिर 108 का क्या महत्व है? इस संख्या के पीछे क्या कोई आध्यात्मिक या वैज्ञानिक रहस्य छुपा है? आइए इस लेख में हम जप माला में 108 मोतियों के रहस्य और महत्व को विस्तार से समझते हैं।

जप माला क्या है?

जप माला एक माला या माला के आकार की माला होती है, जिसमें मोतियों की संख्या अक्सर 108 होती है। इसका उपयोग ध्यान, पूजा, मंत्र जाप, और ध्यान साधना में किया जाता है। प्रत्येक मोती के जरिए भक्त एक मंत्र का जाप करते हैं और इससे मन की एकाग्रता और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। जप माला न केवल हिंदू धर्म में, बल्कि बौद्ध, जैन और सिख धर्मों में भी प्रयोग की जाती है।

108 का आध्यात्मिक महत्व

108 की संख्या भारतीय धर्मों और ज्योतिष में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके पीछे कई आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और ज्योतिषीय कारण बताए गए हैं:

  1. सौर मण्डल का संबंध
    कहा जाता है कि सूर्य और पृथ्वी के बीच का औसत दूरी लगभग 108 गुना है सूर्य के व्यास से। इसी प्रकार, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी भी लगभग 108 गुना है चंद्रमा के व्यास के। इस प्रकार 108 एक ब्रह्मांडीय संख्या मानी जाती है।

  2. योग और आयुर्वेद में 108
    योग शास्त्र में भी 108 प्रमुख नाड़ी (ऊर्जा मार्ग) होते हैं जो शरीर में प्राण ऊर्जा के संचार के लिए ज़रूरी माने जाते हैं। इसलिए, जप माला के 108 मोती प्राण ऊर्जा के जागरण और संतुलन का प्रतीक हैं।

  3. मंत्र जाप की संख्या
    प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, मंत्र जाप की संख्या 108 निर्धारित की गई ताकि साधक अपनी साधना में पूर्णता प्राप्त कर सके। 108 जाप करने से मानसिक एकाग्रता और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

  4. धार्मिक ग्रंथों में 108 का उल्लेख
    वेद, उपनिषद, और पुराणों में 108 का महत्व बार-बार आता है। 108 श्लोक, 108 उपनाम और 108 पवित्र स्थान भी इस संख्या से जुड़े हैं।

जप माला में 108 मोतियों के अलावा क्या होता है?

जप माला में आमतौर पर 108 मोतियों के अलावा एक बड़ा मोती होता है, जिसे गुरु मोती या मेरु मोती कहा जाता है। यह मोती साधना का आरंभ और अंत बिंदु होता है। साधक इस मोती तक पहुंच कर अपना जाप पूरा करता है। गुरु मोती साधक और गुरु (गुरु, भगवान या ध्यान का केंद्र) के बीच के संबंध को दर्शाता है।

जप माला के वैज्ञानिक लाभ

सिर्फ आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि जप माला के वैज्ञानिक भी लाभ हैं। मंत्र जाप करते समय माला के मोतियों को गिनने से मन की एकाग्रता बढ़ती है, ध्यान केंद्रित होता है और तनाव कम होता है। नियमित मंत्र जाप से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और आत्मिक शांति मिलती है।

निष्कर्ष

जप माला में 108 मोतियों का रहस्य न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक मान्यताओं में गहराई से जुड़ा है, बल्कि इसका ब्रह्मांडीय, वैज्ञानिक और योगिक महत्व भी अत्यंत प्राचीन और सटीक है। 108 मोतियों वाली जप माला साधक को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में संतुलन प्राप्त करने का एक शक्तिशाली माध्यम प्रदान करती है। इसलिए, जब भी आप अगली बार जप माला देखें, तो जानिए कि हर मोती में छिपा है एक विशाल ब्रह्मांड का रहस्य।

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