क्रिप्टोकरेंसी इन दिनों काफी चर्चा में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद क्रिप्टो की मांग फिर से बढ़ गई। हालाँकि, इस समय क्रिप्टो की कीमत में काफी गिरावट आ रही है। ऐसे में एक कंपनी के सह-संस्थापक ने बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सनसनीखेज बयान दिया है। माइक्रोस्ट्रेटजी के सह-संस्थापक माइकल सैलर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अजीब सलाह दी है। उन्होंने यह पोस्ट बिटकॉइन की कीमत में भारी गिरावट के बीच की है। विक्रेता ने लिखा, ‘यदि आवश्यक हो तो अपनी किडनी बेच दो, लेकिन अपना बिटकॉइन अपने पास रखो।’ उनका यह पोस्ट काफी वायरल हुआ था। कई लोग विक्रेता के इस पोस्ट को विवादित भी बता रहे हैं।
आईफोन से अब बिटकॉइन तक
कुछ साल पहले भारत में आईफोन खरीदना एक सपना माना जाता था। ऐसी कई खबरें आईं जिनमें कहा गया कि आईफोन खरीदने के लिए अपनी किडनी बेच देनी चाहिए। इस पर कई चुटकुले और मीम्स भी बनाए गए हैं। अब किडनी बेचकर बिटकॉइन खरीदने की बात चल रही है। एक बिटकॉइन की कीमत करीब 74 लाख रुपये है।
बिटकॉइन में कितनी गिरावट आई?
पिछले कुछ वर्षों में बिटकॉइन की कीमत में भारी गिरावट आई है। शनिवार सुबह 8 बजे इसकी कीमत करीब 74 लाख रुपये थी। पिछले एक महीने में इसमें 16 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। एक महीने पहले एक बिटकॉइन की कीमत 88 लाख रुपये से अधिक थी। वहीं, पिछले 5 दिनों में बिटकॉइन में करीब 7 फीसदी की गिरावट आई है। बिटकॉइन में गिरावट का कारण मुद्रास्फीति का दबाव और ट्रम्प की टैरिफ नीतियों को बताया जा रहा है।
विवाद क्यों है?
विक्रेता को क्रिप्टो समर्थक माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि किडनी बेचकर बिटकॉइन रखने का उनका बयान बेतुका है। यह पहली बार नहीं है जब सैलर ने ऐसा बयान दिया है। वर्ष 2021 में भी सेलर को इसी तरह की आलोचना का सामना करना पड़ा था। उस समय उन्होंने लोगों से अपने घरों को गिरवी रखकर 57,000 डॉलर में बिटकॉइन खरीदने का आग्रह किया था। यह सलाह गलत साबित हुई जब 2022 में बिटकॉइन क्रैश हो गया।
उपयोगकर्ताओं ने वर्ग पेश किया है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने विक्रेता की पोस्ट की कड़ी आलोचना की। कई उपयोगकर्ताओं ने उन पर बिटकॉइन को समर्थन देने के लिए हताशाजनक उपायों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। एक यूजर ने लिखा, ‘विक्रेता लोगों से अपनी किडनी बेचने के लिए कह रहे हैं ताकि उनके निवेशक उनकी दोनों किडनी निकालकर मछलियों को न खिला दें।’