भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पहले टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह एक बार फिर भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की रीढ़ की हड्डी बनकर उभरे हैं। मैच के दूसरे दिन बुमराह ने शानदार लय में गेंदबाजी करते हुए तीन अहम विकेट झटके, लेकिन उनके अलावा कोई भी अन्य भारतीय गेंदबाज प्रभाव नहीं छोड़ सका। इसी बात को लेकर टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने चिंता जताई है।
शास्त्री ने मैच के बाद एक विश्लेषण में कहा, “बुमराह एक बार फिर क्लास दिखा रहे हैं। वह न केवल विकेट लेते हैं, बल्कि रन रोकने का भी काम बखूबी करते हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सफलता के लिए सिर्फ एक गेंदबाज काफी नहीं होता। जब दूसरे छोर से दबाव नहीं बनता, तो बल्लेबाज आसानी से खुद को संभाल लेते हैं।”
बुमराह का अकेला संघर्ष
दूसरे दिन की बात करें तो बुमराह की गेंदबाजी में वह धार नजर आई जिसकी टीम को जरूरत थी। उन्होंने जैक क्रॉली, जो रूट और जॉनी बेयरस्टो जैसे बड़े बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा, लेकिन उनकी मेहनत को तब झटका लगा जब दूसरे छोर से कोई मदद नहीं मिली। न मोहम्मद सिराज की लाइन-लेंथ सधी हुई दिखी, न ही ऑलराउंडर गेंदबाज प्रभाव छोड़ पाए।
शास्त्री ने साफ कहा, “बुमराह एक ऐसे गेंदबाज हैं जिनके पास बल्लेबाजों को छकाने की पूरी काबिलियत है, लेकिन अगर दूसरे छोर से कोई भी साझेदारी नहीं करता तो वह थक जाएंगे और टीम को नुकसान होगा।”
भारत के लिए एकतरफा निर्भरता चिंता का विषय
पूर्व कोच शास्त्री ने यह भी संकेत दिया कि भारत को बुमराह पर अत्यधिक निर्भरता से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि, “अगर आप हर बार बुमराह से ही मैच जिताने की उम्मीद करते हैं, तो यह रणनीति लंबे समय तक नहीं चलेगी। सिराज, ठाकुर या कोई और तेज गेंदबाज जब तक विकेट नहीं निकालेंगे, तब तक विपक्षी टीम को दबाव में लाना मुश्किल होगा।”
रणनीति में बदलाव की जरूरत
शास्त्री का मानना है कि टीम इंडिया को बॉलिंग यूनिट में नई रणनीति पर काम करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय गेंदबाजों को लंबी स्पेल, गेंदबाजों की रोटेशन और फील्डिंग सपोर्ट पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके साथ ही फील्डर्स को भी पूरी तरह तैयार रहना चाहिए, क्योंकि इस टेस्ट में कुछ कैच छोड़े गए जो भारत के लिए भारी पड़ सकते हैं।