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जानबूझकर पुरानी दालमोठ रखी गई… चाय के साथ बिस्कुट नहीं मिला तो जज साहब ने मांगा स्पष्टीकरण, नोटिस हुआ वायरल​

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उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक अनोखा और मजेदार मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। यहां के अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश (ADJ) ने अपने कर्मचारी को चाय के साथ बिस्कुट की जगह खराब और गंधित दालमोठ परोसने पर कड़क नोटिस जारी कर दिया। यह नोटिस सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इस पर अपनी मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

क्या है मामला?

मामला तब सामने आया जब जज साहब के विश्राम कक्ष में एक अतिथि आई। चाय के साथ बिस्कुट की मांग हुई, लेकिन कर्मचारी ने बिस्कुट की बजाय दालमोठ परोस दिया। यह दालमोठ इतनी खराब स्थिति में थी कि उसमें से गंदी गंध आ रही थी। जबकि आलमारी में दो डिब्बे अच्छी क्वालिटी के बिस्कुट भी रखे थे। जज ने इसको जानबूझकर की गई गलती माना और तुरंत कर्मचारी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा।

वायरल हुआ नोटिस

नोटिस में लिखा गया है कि न्यायालय अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष संख्या-1, गोंडा के दिनांक 30 मई 2025 के आदेश के अनुसार, लंच के समय सिविल जज नवीन की उपस्थिति में चाय के साथ बिस्कुट लाने को कहा गया। लेकिन कर्मचारी ने बिस्कुट न लाकर खराब और गंधित दालमोठ परोसी। आलमारी में मौजूद अच्छी क्वालिटी के बिस्कुट के बावजूद यह गलती जानबूझकर की गई है। इसलिए 31 मई 2025 को स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर इस नोटिस को पढ़ने के बाद लोग हैरान और हंसने लगे हैं। कुछ यूजर्स ने जज की सख्ती की तारीफ की और कहा कि कोर्ट में अनुशासन बहुत जरूरी है। वहीं कई लोगों ने मजाक में कहा, “काश जज अपनी बीवी को भी ऐसा नोटिस जारी कर पाते।” कुछ लोगों ने इस पूरे मामले को कोर्ट के सख्त अनुशासन का अच्छा उदाहरण बताया और कहा कि छोटी-छोटी बातों पर सख्ती से ही कोर्ट का माहौल प्रोफेशनल और गंभीर बना रहता है।

निष्कर्ष

यह मामला बताता है कि न्यायपालिका अपने अनुशासन और कार्यशैली को लेकर कितनी संवेदनशील और गंभीर है। बिस्कुट और दालमोठ जैसे मामूली दिखने वाले मुद्दों पर भी सख्ती से ध्यान देना कोर्ट की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है। गोंडा के इस वायरल नोटिस ने एक बार फिर दिखा दिया कि कानून के साथ-साथ अनुशासन और प्रोफेशनलिज्म कितना जरूरी है, चाहे वह कितनी भी छोटी बात क्यों न हो। इस मामले ने सोशल मीडिया पर हंसी-ठिठोली के साथ-साथ कार्यक्षेत्र में अनुशासन की अहमियत पर भी चर्चा छेड़ दी है।

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