तुलसी, जिसे भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की प्रिय माना जाता है, हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र पौधा है। तुलसी की माला से जाप करने का विशेष महत्व है और इसे करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। ज्योतिषी की दृष्टि से तुलसी माला के जाप का सही तरीका, संख्या, मंत्र और शुभ दिन का ज्ञान होना जरूरी है। आइए विस्तार से जानें।
1. तुलसी माला के जाप की संख्या कितनी हो?
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तुलसी की माला पर सामान्यतः 108 दानों वाला जाप सबसे अधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि 108 हिंदू धर्म में एक पवित्र संख्या है।
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यदि 108 बार जाप करना संभव न हो तो कम से कम 27 बार या 54 बार जाप अवश्य करें।
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जाप की संख्या जितनी अधिक होगी, उतना ही ज्यादा लाभ मिलेगा।
2. कौन सा मंत्र पढ़ें?
तुलसी माला के जाप के लिए सबसे प्रभावशाली मंत्र है:
“ॐ ह्रीं श्रीं विष्णवे नमः”
या
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
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इस मंत्र का जाप तुलसी माला से करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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मंत्र का जाप मन में ध्यान के साथ और सही उच्चारण के साथ करना चाहिए।
3. किस दिन से शुरू करें?
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तुलसी माला के जाप की शुरुआत सोमवार या गुरुवार को करना सबसे शुभ माना जाता है।
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विशेषकर सर्वपितृ अमावस्या, एकादशी या विष्णु पक्ष के दिन शुरुआत करें तो लाभ दोगुना होता है।
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तुलसी के पौधे के समक्ष पूजा करके, तुलसी माला लेकर मंत्र जाप आरंभ करें।
4. तुलसी माला के जाप के लाभ
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सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
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मानसिक शांति और ध्यान में वृद्धि होती है।
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घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
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वासुदेव और विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है।
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नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है और वैभव बढ़ता है।
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स्वास्थ्य लाभ और रोगों से रक्षा होती है।
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तुलसी माला से किये गए जाप से करियर, परिवार और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
5. जाप करते समय ध्यान रखें
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साफ और पवित्र स्थान पर तुलसी माला का जाप करें।
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शरीर और मन दोनों शुद्ध रखें।
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जाप के दौरान मन को पूरी तरह से मंत्र पर केन्द्रित रखें।
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रोजाना तुलसी के पौधे को जल देना और उसकी पूजा करना शुभ रहता है।
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तुलसी माला को कभी भी गंदे हाथों से न छुएं और इसे सम्मान से रखें।
निष्कर्ष:
ज्योतिष के अनुसार, तुलसी की माला से 108 बार “ॐ ह्रीं श्रीं विष्णवे नमः” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ है। इसका शुभारंभ सोमवार या गुरुवार को करें। इससे जीवन में शांति, सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ सभी कष्ट दूर होते हैं।