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झूठ, आलस्य और लालच… गरुड़ पुराण में बताई गईं वो आदतें जिनसे जीवन में आती है केवल परेशानियां, वीडियो में जाने पूरी डिटेल

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हिंदू धर्म में कई ग्रंथों का विशेष महत्व है, जिनमें से गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जो जीवन, मृत्यु और उसके बाद की स्थितियों के गूढ़ रहस्यों को स्पष्ट करता है। इसे भगवान विष्णु ने स्वयं गरुड़ जी को सुनाया था। यह ग्रंथ न केवल परलोक का मार्ग बताता है बल्कि लोक यानी वर्तमान जीवन को भी बेहतर बनाने के लिए दिशा दिखाता है। इसमें धर्म, नीति, संस्कार, आचार-विचार और जीवनशैली से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। माना जाता है कि जो व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है, उसका जीवन सुख-शांति और समृद्धि से भर जाता है, वहीं जो लोग इन्हें अनदेखा करते हैं, वे हमेशा दुख और परेशानियों से घिरे रहते हैं।

गलत आदतों का असर जीवन पर

गरुड़ पुराण में कहा गया है कि इंसान का वर्तमान और भविष्य उसकी आदतों से बनता और बिगड़ता है। यदि कोई व्यक्ति आलसी, क्रोधी, छल-कपट करने वाला, नशे का आदी या दूसरों को दुख पहुंचाने वाला हो, तो उसका शुभ समय कभी नहीं आता। ऐसे लोग जीवनभर संघर्ष और असंतोष में घिरे रहते हैं।

झूठ और छल-कपट करने वाले लोग

गरुड़ पुराण के अनुसार, झूठ बोलना और छल करना सबसे बड़ा पाप माना गया है। जो लोग दूसरों को धोखा देकर अपना लाभ उठाते हैं, वे कभी भी वास्तविक सुख और शांति प्राप्त नहीं कर पाते। ऐसे लोगों के जीवन में बार-बार मुश्किलें आती हैं और अच्छे अवसर भी उनसे दूर हो जाते हैं।

आलस्य और परिश्रम से दूरी

आलस्य को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु बताया गया है। आलसी व्यक्ति कभी प्रगति नहीं कर पाता। गरुड़ पुराण कहता है कि जो लोग परिश्रम से भागते हैं और काम में टालमटोल करते हैं, उनका भाग्य कभी साथ नहीं देता। मेहनती और ईमानदार व्यक्ति देर-सबेर सफलता अवश्य पाता है, लेकिन आलसी लोग सदैव दुखी रहते हैं।

माता-पिता और गुरु का अपमान

गरुड़ पुराण में माता-पिता और गुरु को भगवान का स्वरूप माना गया है। जो लोग उनका अपमान करते हैं या उनकी अवहेलना करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि कभी स्थायी नहीं रह पाती। माता-पिता की सेवा और गुरु का सम्मान करने से जीवन में शुभ समय आता है और भाग्य प्रबल होता है।

दूसरों का हक मारने वाले लोग

किसी की मेहनत का फल छीनना या किसी का हक मारना भी बड़ा पाप बताया गया है। ऐसे लोग समाज में भले ही कुछ समय तक सफल दिखें, लेकिन अंततः उनका जीवन दुख और कष्ट से भर जाता है। गरुड़ पुराण चेतावनी देता है कि दूसरों की संपत्ति या अधिकार पर बुरी नज़र डालना व्यक्ति के अच्छे समय को नष्ट कर देता है।

अधिक लालच और असंयम

लालच को हर दुख की जड़ बताया गया है। अधिक धन, पद या सुख पाने की असीम इच्छा व्यक्ति को गलत रास्ते पर ले जाती है। गरुड़ पुराण कहता है कि जो व्यक्ति संतोष नहीं करता और हमेशा दूसरों की वस्तुओं की इच्छा करता है, वह कभी सुखी नहीं रह सकता। असंयमित जीवन जीने वाले लोग भी मानसिक और शारीरिक समस्याओं से घिरे रहते हैं।

नशा और बुरी संगत

गरुड़ पुराण में स्पष्ट कहा गया है कि नशे की लत इंसान का नाश कर देती है। शराब, जुआ, सिगरेट और अन्य नशे न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि परिवार और समाज में भी अपमान का कारण बनते हैं। इसके साथ ही बुरी संगत यानी गलत लोगों के साथ रहने से भी व्यक्ति का जीवन बिगड़ जाता है।

धर्म और पुण्य से दूरी

जो लोग धर्मकर्म से दूरी बनाकर रखते हैं, दान-पुण्य नहीं करते और दूसरों की मदद से मुंह मोड़ लेते हैं, उनके जीवन में सदैव दुख और बाधाएं बनी रहती हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, धर्म और दान का पालन करने से पाप नष्ट होते हैं और शुभ समय आता है।

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