अदाणी समूह ने उस मीडिया रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया था कि वह बैटरी निर्माण और स्वच्छ ऊर्जा तकनीक के क्षेत्र में चीनी कंपनियों BYD और बीजिंग वीलियन न्यू एनर्जी टेक्नोलॉजी के साथ गठजोड़ की संभावना तलाश रहा है। अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने सोमवार को शेयर बाजार को दी गई सूचना में स्पष्ट किया कि चीनी कंपनियों के साथ गठजोड़ की खबरें निराधार और झूठी हैं। एक बयान में, अदाणी समूह ने स्पष्ट रूप से कहा, “अदाणी समूह भारत में बैटरी निर्माण के लिए BYD के साथ किसी भी प्रकार के सहयोग की संभावना नहीं तलाश रहा है। इसी प्रकार, हम बीजिंग वीलियन न्यू एनर्जी टेक्नोलॉजी के साथ किसी भी प्रकार की साझेदारी के लिए किसी भी प्रकार की बातचीत में नहीं हैं।”
अदाणी समूह ने खबरों को खारिज किया
बयान में आगे कहा गया है कि कुछ खबरों में दावा किया गया है कि समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी भारत में बैटरी निर्माण और स्वच्छ ऊर्जा में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए BYD के अधिकारियों के साथ “व्यक्तिगत रूप से चर्चा का नेतृत्व” कर रहे हैं। हालाँकि, अदाणी समूह के पास पहले से ही सौर मॉड्यूल निर्माण से लेकर पवन ऊर्जा उपकरण और हरित हाइड्रोजन तक, स्वच्छ ऊर्जा का एक विशाल पोर्टफोलियो है। समूह अपने सौर मॉड्यूल निर्माण को 10 गीगावाट प्रति वर्ष तक बढ़ा रहा है और अपनी पवन टरबाइन निर्माण क्षमता को लगभग दोगुना करके 5 गीगावाट प्रति वर्ष करना चाहता है। समूह हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में उपयोग होने वाले इलेक्ट्रोलाइज़र के निर्माण हेतु एक संयंत्र स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है।
अगले 5 वर्षों में 1000 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य
गौरतलब है कि अदाणी समूह ने अगले पाँच वर्षों में 1000 अरब डॉलर (1 लाख करोड़ रुपये) के पूंजी निवेश का लक्ष्य रखा है। माना जा रहा है कि इससे देश के बुनियादी ढाँचे में आमूल-चूल परिवर्तन आएगा। अदाणी समूह का कारोबार तापीय और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन, पारेषण, वितरण, एलएनजी, पीएनजी, सीएनजी, एलपीजी, बैटरी भंडारण, हाइड्रोजन ट्रक, ईवी चार्जिंग स्टेशन, पंप, जलविद्युत और खनन क्षेत्रों में फैला हुआ है। इसके अतिरिक्त, यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट निर्माता है और एयरोस्पेस, रक्षा, डेटा सेंटर और रियल एस्टेट क्षेत्रों में भी सक्रिय है।