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टाटा के 4 शेयर जिनमें निवेशकों को 2024 में कम से कम 15% का नुकसान हुआ। क्या 2025 में ये फिर से उभरेंगे?

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शेयर बाज़ार में टाटा समूह की कंपनियों को लेकर निवेशकों का जो भरोसा था, वह 2025 में बुरी तरह डगमगाता हुआ नज़र आ रहा है। कभी लंबी अवधि के निवेश का प्रतीक माने जाने वाले टीसीएस और ट्रेंट जैसे नाम अब निफ्टी के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों की सूची में शामिल हो गए हैं, लेकिन गिरावट सिर्फ़ इन्हीं दो कंपनियों तक सीमित नहीं है। टाटा समूह की 15 प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों में से 10 के शेयर अपने एक साल के उच्चतम स्तर से 20% से ज़्यादा गिर चुके हैं, जो एक बड़ी और चौंकाने वाली स्थिति है।

इन आंकड़ों से साफ़ है कि टाटा समूह के निवेशकों को 2025 में लगातार नुकसान का सामना करना पड़ा है, और कई शेयर अब तक 30% से ज़्यादा गिर चुके हैं।

अमेरिका और यूरोप में मंदी की आशंका के चलते ग्राहकों ने खर्च कम कर दिया है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और स्वचालन के कारण परियोजनाओं में देरी हो रही है।
कंपनी ने हाल ही में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की, जो मांग में गिरावट को दर्शाता है।
वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में TCS का राजस्व 3.3% गिरा, जबकि निवेशक बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे थे।
ब्रोकरेज हाउस भी अब सतर्क हो गए हैं। नोमुरा ने अगले तीन वर्षों में टीसीएस की ईपीएस वृद्धि का लक्ष्य मूल्य भी ₹3,820 से घटाकर ₹3,780 कर दिया है। वहीं, एलारा कैपिटल ने विवेकाधीन खर्च में देरी और यूरोप में भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए कंपनी के आउटलुक को डाउनग्रेड कर दिया है।

कौन शेयर कितनी गिरावट में है?

कंपनी का नाम सालाना उच्च स्तर से गिरावट (%)
TTML (Tata Tele) -45%
Tata Motors -42%
Trent -40%
Tata Elxsi -33%
Voltas -32%
TCS -32%
Tata Chemicals -25%
Taj GVK -22%
Tata Communications -21%
Tata Power -20%
Tata Investment Corp -18%
Indian Hotels -17%
Tata Consumer Products -15%
Titan Company -11%
Rallis India -8%

ट्रेंट की मंदी से निवेशक निराश

ज़ूडियो और वेस्टसाइड जैसे ब्रांडों के लिए मशहूर ट्रेंट लिमिटेड ने पिछले पाँच वर्षों में 800% तक का रिटर्न दिया था। लेकिन 2025 में कंपनी के शेयर में लगभग 30% की गिरावट आई है। वहीं, एक साल (साल दर साल) में शेयर में 40% की गिरावट देखी गई है। इसने इसे टीसीएस के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों में भी शामिल कर दिया है। कंपनी के कमजोर प्रदर्शन के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं।

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में स्टैंडअलोन राजस्व वृद्धि 20% रही, जबकि पिछले 5 वर्षों में यह औसतन 35% रही है।
वार्षिक आम बैठक में, ट्रेंट ने अगली कुछ तिमाहियों में केवल 20% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो विश्लेषकों के 25%+ के अनुमान से कम है।
बांग्लादेश से सोर्सिंग में समस्याओं के कारण आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है।
इन आंकड़ों ने ब्रोकरेज हाउसों को सतर्क कर दिया है। नुवामा ने ट्रेंट को होल्ड रेटिंग दी है और वित्त वर्ष 26/27 के लिए राजस्व अनुमानों में 5-6% की कटौती की है। EBITDA अनुमानों में भी 9-12% की कटौती की गई है। साथ ही, HSBC ने भी लक्ष्य मूल्य ₹6,700 से घटाकर ₹6,600 कर दिया है।

टाटा समूह की छवि पर प्रभाव

टीसीएस और ट्रेंट की गिरावट ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बाजार का भरोसा टाटा समूह की कंपनियों पर भी डगमगाने लगा है? विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट कंपनी के मूल सिद्धांतों से ज़्यादा क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक स्थितियों से संबंधित है। जेएम फाइनेंशियल जैसी कुछ ब्रोकरेज कंपनियों को अभी भी टाटा पर भरोसा है। उनका मानना है कि अगर आर्थिक हालात सामान्य रहे, तो वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही से स्थिति में सुधार हो सकता है। टीसीएस प्रबंधन ने यह भी संकेत दिया है कि वित्त वर्ष 2026 में अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में वृद्धि वित्त वर्ष 2025 की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

अगर आप टाटा समूह की किसी कंपनी में निवेश कर रहे हैं, तो अभी घबराने की नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से सोचने का समय है। गिरावट के इस दौर में कुछ कंपनियों के शेयर उचित मूल्य पर मिल रहे हैं, जिससे आगे और सुधार हो सकता है। हालाँकि, अल्पावधि में अस्थिरता बनी रह सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाइटन और टाटा पावर जैसे शेयरों में लंबी अवधि में गिरावट आ सकती है, लेकिन निवेश करने से पहले कंपनी की हालिया कमाई, कर्ज, सेक्टर के रुझान और प्रबंधन संचार की जाँच कर लें।

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