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टियर 2 और 3 शहर बन रहे भारत की आर्थिक प्रगति के नए इंजन: रिपोर्ट में दावा

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नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। भारत का फूड प्रॉसेसिंग सेक्टर तेजी से बदलते हुए विकास के पथ पर अग्रसर है। इसी के साथ शहरी और ग्रामीण भारत में उपभोग के रुझान के साथ, टियर 2 और 3 शहर तेजी से आर्थिक विकास के इंजन बन रहे हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

यह सेक्टर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वैल्यू चेन में 7 मिलियन से अधिक नौकरियों को सपोर्ट करता है, साथ ही ग्रामीण औद्योगीकरण को सक्षम बनाता है और फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करता है।

डेलॉइट और फिक्की की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सेक्टर भारत के कुल ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) का लगभग 7.7 प्रतिशत हिस्सा है। साथ ही रोजगार पैदा करने, ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और वैल्यू एडिशन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

राष्ट्रीय खाद्य बाजार का लगभग 30 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाला एग्रीकल्चर और फूड प्रॉसेसिंग सेक्टर बढ़ती ग्रामीण मांग, डिजिटल प्रगति और मजबूत नीति समर्थन के कारण गति प्राप्त कर रहा है।

डेलॉइट साउथ एशिया के पार्टनर और कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर आनंद रामनाथन ने कहा, “भारत का कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एक परिवर्तनकारी छलांग लगाने के लिए तैयार है, जहां ट्रेडिशनल फ्यूचर-रेडी फूड इकोसिस्टम को बनाने के लिए कटिंग-एज टेक्नोलॉजी से मिलती है। उपभोक्ता मांग क्लीन-लेबल, प्रोटीन युक्त और पेट के अनुकूल खाद्य पदार्थों की ओर बढ़ रही है, जिससे भारत में भोजन के उपभोग में संरचनात्मक विकास हो रहा है।”

भारत एआई, आईओटी और ब्लॉकचेन में प्रगति से स्वास्थ्य-संचालित, तकनीक-सक्षम और इंक्लूसिव फूड सिस्टम पर विश्व स्तर पर नेतृत्व के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि हमारे सामने केवल एक अरब लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का अवसर नहीं, बल्कि उद्देश्य, स्थिरता-मजबूती और बुद्धिमत्ता के साथ इस काम को करने का अवसर है।

फिक्की की डायरेक्टर जनरल ज्योति विज ने कहा, “भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र आर्थिक विकास को गति दे रहा है, साथ ही यह सेक्टर इंक्लूसिव डेवलपमेंट के कैटेलिस्ट के रूप में अपार परिवर्तनकारी क्षमता रखता है। जैसे-जैसे उपभोक्ता प्राथमिकताएं और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक विकल्प फूड सिस्टम को नया आकार दे रहे हैं, वैसे-वैसे मजबूती-स्थिरता, इनोवेशन और वैल्यू एडिशन की जरूरत भी पहले की तुलना में तेजी से बढ़ती जा रही है।”

–आईएएनएस

एसकेटी/केआर

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