क्रिकेट न्यूज डेस्क।। शुभमन गिल की अगुआई वाली अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप को इंग्लैंड की टीम से जेम्स एंडरसन के नदारद होने से राहत मिली होगी। पिछले दो दशकों से यह तेज गेंदबाज भारत-इंग्लैंड प्रतिद्वंद्विता का लगातार हिस्सा रहा है। 2006 में भारत के खिलाफ एंडरसन की पहली सीरीज से लेकर 2024 में अपनी आखिरी सीरीज तक, इस महान तेज गेंदबाज ने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया है। चाहे वह 2000 के दशक के अंत में महान सचिन तेंदुलकर के साथ उनकी लड़ाई हो या पिछले दशक में विराट कोहली के साथ उनके और भी रोमांचक मुकाबले, लोगों के जेहन में उनकी यादें ताजा हैं। कोहली और एंडरसन दोनों अब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड के चोटिल होने के कारण, इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स, जिनके नाम रिकॉर्ड 704 टेस्ट विकेट हैं, लीड्स में गेंदबाजी की शुरुआत कर सकते हैं। अगर एंडरसन अपने संन्यास के 12 महीने बाद काउंटी क्रिकेट में वापसी करके संघर्षरत लंकाशायर टीम को पुनर्जीवित कर सकते हैं, तो मेरा विश्वास करें कि वह इंग्लैंड के कमजोर आक्रमण के लिए भी ऐसा ही कर सकते हैं। ऐसा होना नामुमकिन है, लेकिन एंडरसन ने अपने 21 साल के करियर में अपने प्रदर्शन के आधार पर भारत-इंग्लैंड क्रिकेट के इतिहास में खुद को अमर कर लिया है।
यह सीरीज तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के नाम से खेली जाएगी
दोनों टीमों के बीच टेस्ट सीरीज की ट्रॉफी जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर के नाम पर है। एंडरसन ने टेस्ट क्रिकेट में तेंदुलकर को नौ बार आउट किया है। एंडरसन ने न केवल उम्र को मात देकर लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना जारी रखा, बल्कि उनके करियर की खासियत उनकी लगातार सटीक गेंदबाजी और गेंद को दोनों तरफ स्विंग करने की क्षमता पर बेहतरीन नियंत्रण था।
एंडरसन ने 2014 की सीरीज में कोहली की ऑफ स्टंप के आसपास की कमजोरी का फायदा उठाया था, जबकि चार साल बाद कोहली ने अपनी मानसिक कमजोरी पर काबू पा लिया और लंबे प्रारूप में दुनिया के सबसे सफल तेज गेंदबाज के रूप में ‘दबदबा’ बनाया।
भारत के खिलाफ जेम्स एंडरसन का शानदार प्रदर्शन
शुक्रवार को लोकेश राहुल और यशस्वी जायसवाल की संभावित भारतीय ओपनिंग जोड़ी को चुनौती का सामना कम करना पड़ता, अगर एंडरसन ने उन्हें नई ड्यूक गेंद से गेंदबाजी नहीं कराई होती। भारत के खिलाफ 39 टेस्ट मैचों में एंडरसन ने 25.47 की शानदार औसत से 149 विकेट लिए थे। भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाजों को संघर्ष करना पड़ा है, लेकिन एंडरसन ने अपने हुनर की बदौलत विपरीत परिस्थितियों में 17 टेस्ट मैचों में 44 विकेट लिए हैं। इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज निक नाइट ने कहा कि कोहली और रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में भारतीय बल्लेबाजी क्रम एंडरसन को मैदान से बाहर देखकर खुश होगा, लेकिन इंग्लैंड ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए सही फैसला किया।
निक नाइट ने अपने बयान में क्या कहा?
नाइट ने कहा, “इंग्लैंड अब आगे बढ़ जाएगा और उनके पास बहुत सारे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, बहुत क्षमता है। लेकिन मुझे यकीन है कि भारत अब उनके रिटायरमेंट से खुश होगा।” उन्होंने कहा, “और मुझे लगता है कि भारत ने आखिरी सीरीज (इंग्लैंड में) 2007 में जीती थी, शायद जिमी उस सीरीज का हिस्सा थे। इसलिए वह लगातार खेल रहे थे।”
नाइट को लगता है कि ट्रॉफी का नाम बदलकर तेंदुलकर और एंडरसन के नाम पर रखने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “यह बहुत बड़ा सम्मान है और जिमी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के लिए सही समय है।” “ऐसी प्रतिष्ठित सीरीज़ में ऐसा करना बिल्कुल सही है। जब जिमी पहली बार आए थे, तब मैंने उनके साथ खेला था।” नाइट ने कहा, “मैं अपने करियर के आखिरी दौर में था। और वह अभी शुरुआत ही कर रहे थे। शुरू से ही आप देख सकते थे कि वह एक ऐसे खिलाड़ी थे, जिनका स्विंगिंग बॉल पर बहुत अच्छा नियंत्रण था।”