वही टीम इंडिया, जो कुछ हफ़्ते पहले कोई मौका नहीं दे रही थी और कहा जा रहा था कि इंग्लैंड उसे आसानी से हरा देगा, उसने इंग्लैंड को उसके ही घर में मुश्किल में डाल दिया है। एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड को करारी शिकस्त देने के बाद, टीम इंडिया ने लॉर्ड्स में भी अपना दमखम दिखाया और 136 साल पुराना इतिहास दोहराया। टीम इंडिया ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में लगातार 7 बल्लेबाज़ों को आउट किया, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ़ दूसरी बार हुआ।
लॉर्ड्स टेस्ट मैच के चौथे दिन, 13 जुलाई को, टीम इंडिया की घातक गेंदबाज़ी धराशायी होती दिखी। अब तक अपने तेज़ गेंदबाज़ों के दम पर इंग्लैंड का सामना करती आ रही टीम इंडिया के लिए, इस बार स्पिनर वाशिंगटन सुंदर ने भी अपना जोश दिखाया और इस इतिहास को दोहराने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। लेकिन इसकी शुरुआत आकाश दीप ने की, जिन्होंने पहले ही सेशन में टेस्ट क्रिकेट के नंबर-1 बल्लेबाज़ को क्लीन बोल्ड कर दिया।
सुंदर-बुमराह ने स्टंप्स की धज्जियाँ उड़ा दीं
इसके बाद बारी आई वाशिंगटन सुंदर की, जिन्होंने दूसरे और तीसरे सेशन में इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी को तहस-नहस कर दिया। पहली पारी में खाली हाथ रहे सुंदर ने पहले जो रूट को बोल्ड किया और फिर तुरंत ही जेमी स्मिथ का ऑफ स्टंप गिरा दिया। इसके बाद उन्होंने तीसरे सत्र की शुरुआत बेन स्टोक्स को क्लीन बोल्ड करके की। इस तरह लगातार 4 बल्लेबाज़ बोल्ड होकर वापस लौटे। फिर जसप्रीत बुमराह ने मोर्चा संभाला और ब्रायडन कार्सन को यॉर्कर से बोल्ड करने के बाद क्रिस वोक्स के स्टंप भी उखाड़ दिए। सुंदर को आखिरी विकेट भी मिला और वह भी बोल्ड होकर ही समाप्त हुआ।
136 साल बाद इतिहास दोहराया गया
इस तरह टीम इंडिया ने इंग्लैंड के चौथे विकेट से लेकर 10वें विकेट तक लगातार 7 बल्लेबाज़ों को बोल्ड करके पवेलियन वापस भेज दिया। टेस्ट क्रिकेट के लंबे इतिहास में यह सिर्फ़ दूसरी बार था जब एक पारी में मध्यक्रम से लेकर पुछल्ले बल्लेबाज़ों तक सभी बल्लेबाज़ बोल्ड हुए। पहला ऐसा 1889 में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच हुए टेस्ट मैच में हुआ था, जिसमें दूसरी पारी में नौ दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ आउट हुए थे। इसमें भी तीसरे विकेट से लेकर दसवें विकेट तक सभी बल्लेबाजों का यही हश्र हुआ।