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टैरिफ पर सबको 90 दिन के लिए बख्शा पर चीन को 125% का दंड, जानिए क्या है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का माइंडगेम?

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अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है, जिससे वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी आई है। इस अस्थायी विराम के कारण एसएंडपी 500 और नैस्डैक लंबे समय के उच्चतम स्तर पर बंद हुए और इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा। अमेरिका और चीन के बीच सुधर रहे व्यापारिक रिश्तों पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह बहुत अच्छे हो रहे हैं। अमेरिका और चीन के बीच 90 दिनों से चल रहा टैरिफ युद्ध समाप्त हो गया है। इसके बाद सोमवार को वैश्विक शेयर बाजारों में उछाल दर्ज किया गया। दुनिया भर के बाजारों में जबरदस्त तेजी देखी गई, जिससे वैश्विक मंदी की आशंका कुछ दिनों के लिए शांत हो गई।

बाजार पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से 90 दिनों की राहत के बाद, लंबे समय के बाद अमेरिकी शेयर बाजार के लिए अच्छी खबर आई। एसएंडपी 500 3 मार्च के बाद अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुआ और नैस्डैक सूचकांक 28 फरवरी के बाद अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुआ।

अमेरिका और चीन के बीच क्या समझौता हुआ है?

अमेरिका ने अगले 90 दिनों के लिए चीनी आयात पर टैरिफ घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया जा रहा था। चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सामानों पर टैरिफ घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। जो पहले 125 प्रतिशत टैरिफ लगाता था। हालाँकि, दोनों देशों के बीच अस्थायी समझौते से मतभेद समाप्त नहीं हुए हैं। जिस मुद्दे के कारण टैरिफ लगाया गया था, उसका समाधान नहीं हो सका। चीन के साथ व्यापार घाटे के कारण अमेरिका ने टैरिफ युद्ध शुरू कर दिया था। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फेंटेनाइल मुद्दे पर बीजिंग से और अधिक कार्रवाई करने की मांग भी शामिल है।

समझौते के संबंध में दोनों देशों की स्थिति

अमेरिका और चीन के बीच सुधर रहे व्यापारिक रिश्तों पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह बहुत अच्छे हो रहे हैं। ट्रम्प चीन के साथ टैरिफ समझौते को अपनी जीत मान रहे हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रम्प को इसलिए पीछे हटना पड़ा क्योंकि इससे अमेरिका को भारी नुकसान हो रहा था और निवेशकों का विश्वास कम हो रहा था। टैरिफ युद्ध शुरू होने के बाद छोटे व्यापारी महंगे सामान और बढ़ती लागत को लेकर चिंतित थे। चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है कि बीजिंग अपने मूल सिद्धांतों पर दृढ़ता से कायम है। इससे अमेरिका के साथ बेहतर और अधिक सहयोग के द्वार खुल गए हैं। चीन की ओर से आए बयान से पता चलता है कि बीजिंग अमेरिका के साथ व्यापार को संयमित करना चाहता है तथा बातचीत के माध्यम से आगे बढ़ना चाहता है, जो एक सप्ताह पहले की कटु टकरावपूर्ण भाषा के बिल्कुल विपरीत है।

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