आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में हर दूसरा व्यक्ति तनाव से ग्रस्त है। कामकाज और घरेलू जिम्मेदारियों के बोझ से दबा व्यक्ति धीरे-धीरे अवसाद का शिकार होने लगता है। तनाव के कारण लोगों की नींद खराब होती है और इसके कारण शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। दरअसल, लोगों को पता ही नहीं चलता कि तनाव कब अवसाद का रूप ले लेता है। ऐसे में अगर आपका मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है और आप डिप्रेशन से मुक्ति पाना चाहते हैं तो जटामांसी का इस्तेमाल जरूर करें। यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो मुख्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, तनाव को कम करने और अच्छी नींद लाने में मदद करती है। इसे “तपस्विनी” और “मानसिक बलवर्धिनी” भी कहा जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क को शांत करने और मानसिक शक्ति बढ़ाने में मदद करती है।
जटामांसी के फायदे ये हैं:
मानसिक तनाव कम करता है: जटामांसी में प्राकृतिक एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। यह कोर्टिसोल हार्मोन (तनाव हार्मोन) के स्तर को संतुलित करता है और मन को शांत करता है।
अच्छी नींद में सहायक: जटामांसी को अनिद्रा के लिए एक उत्कृष्ट औषधि माना जाता है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत करके गहरी और बेहतर नींद लाने में मदद करता है। सोने से पहले जटामांसी के तेल की मालिश करने से मन शांत होता है और अच्छी नींद आने में मदद मिलती है।
याददाश्त बढ़ाता है: यह दिमाग को तेज करने, एकाग्रता बढ़ाने और याददाश्त को मजबूत करने में मदद करता है। यह बच्चों और विद्यार्थियों के लिए भी बहुत लाभदायक है।
डिप्रेशन से राहत दिलाता है: जटामांसी में एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं, जो उदासी और डिप्रेशन को दूर करने में मददगार होते हैं। यह सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे मूड बेहतर होता है।
जटामांसी का सेवन कैसे करें?
रात को सोने से पहले आधा चम्मच जटामांसी चूर्ण गुनगुने दूध या शहद के साथ लें। ब्राह्मी और शंखपुष्पी के साथ इसका सेवन करने से मानसिक स्वास्थ्य को अधिक लाभ मिलता है। 1 चम्मच जटामांसी की जड़ को 2 कप पानी में उबालें और जब आधा रह जाए तो इसे पी लें। इसे रोजाना पीने से मानसिक शांति और नींद अच्छी आती है। इसके अलावा आप सी-ई-सी तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे अच्छी नींद आती है और दिमाग शांत होता है।