पूरी दुनिया की निगाहें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की मुलाकात पर टिकी थीं। वॉल स्ट्रीट भी वहीं बैठा गौर से देख रहा था। जब शुरुआती खबर सामने आई तो गिरते वॉल स्ट्रीट ने हर किसी के माथे पर चिंता की अमिट मोटी लकीर खींच दी थी। बाद में शेयर बाजार में तेजी आने लगी और वॉल स्ट्रीट के तीनों सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए, इससे संकेत साफ हो गए कि अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज सौदे का रास्ता अभी बंद नहीं हुआ है। इसका मतलब यह है कि आने वाले दिनों में अमेरिका और यूक्रेन के बीच समझौता हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि वॉल स्ट्रीट पर बढ़त के संकेत दुनिया के सभी बाजारों के लिए बहुत शुभ हैं। दो दिन के अवकाश के बाद जब शेयर बाजार खुले तो उछाल देखा जा सकता है।
ट्रंप की धमकियों और यूक्रेन के प्रमुख से मुलाकात से पहले शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब दो फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए। जिसके चलते शेयर बाजार लगातार 5वें महीने गिरावट के साथ बंद हुआ। जो 1996 के बाद पहली बार हुआ है। शुक्रवार को जिस तरह से वॉल स्ट्रीट में तेजी देखने को मिली है, उससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि महीने के पहले कारोबारी दिन यानी 3 मार्च को भारतीय शेयर बाजार में भी तेजी देखने को मिल सकती है। आइए आपको यह भी बताते हैं कि अमेरिका में जेलेंस्की और ट्रंप के बीच बातचीत के दौरान और उसके बाद अमेरिकी शेयर बाजार ने कैसी प्रतिक्रिया दी और मार्च के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार कैसी प्रतिक्रिया दे सकता है।
जब ट्रम्प और ज़ेलेंस्की के बीच टकराव हुआ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ओवल ऑफिस में एक बैठक के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर निशाना साधा और लाखों लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के लिए जेलेंस्की को फटकार लगाई। ट्रम्प ने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति की कार्रवाई तीसरे विश्व युद्ध को भड़का सकती है। इसके बाद ज़ेलेंस्की अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना अचानक व्हाइट हाउस से चले गए। ट्रम्प ने इस समझौते की मांग की थी और कहा था कि यह यूक्रेन को भविष्य में समर्थन देने की शर्त है। ट्रम्प, ज़ेलेंस्की और प्रतिनिधिमंडल को दोपहर का भोजन करना था, जिसकी व्यवस्था कैबिनेट कक्ष के बाहर की गई थी, लेकिन बाद में कर्मचारियों को वहां सलाद प्लेट और अन्य सामान पैक करते देखा गया। ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और जेलेंस्की के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई, जिसमें अंतिम 10 मिनट में तीनों के बीच काफी गरमागरम बहस देखने को मिली।
अमेरिकी शेयर बाजार ने चिंता व्यक्त की
अमेरिकी राष्ट्रपति के गुस्से और ज़ेलेंस्की के व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार ने भी चिंता व्यक्त की। नैस्डैक जो 18,477.17 अंक पर खुला था, जल्द ही 18,372.99 अंक पर आ गया। एसएंडपी 500 भी 5,856.74 अंक पर खुला और दिन के निचले स्तर 5,837.66 अंक पर बंद हुआ। जबकि डाउ जोंस ने भी ऐसी ही प्रतिक्रिया दी और 43,259.84 अंकों के साथ खुला और 43,100.87 तक गिरकर दिल के निचले स्तर पर आ गया। ऐसा लग रहा था कि अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को बड़ी गिरावट की नींव रखने जा रहा है। लेकिन वॉल स्ट्रीट के मन में कुछ और ही था।
वॉल स्ट्रीट तेजी के साथ बंद हुआ
शाम तक वॉल स्ट्रीट न केवल अपनी गिरावट से उबर गई, बल्कि अच्छी तेजी के साथ बंद भी हुई। नैस्डैक की बात करें तो यह 302 यानी 1.63 फीसदी की बढ़त के साथ 18,847.28 अंक पर बंद हुआ। वहीं एसएंडपी 500 भी करीब 93 अंक यानी 1.59 फीसदी की बढ़त के साथ 5,954.50 अंक पर बंद हुआ। डाउ जोंस में भी बढ़त दिखी और बाजार बंद होने तक यह 601.41 अंक यानी 1.39 फीसदी की बढ़त के साथ 43,840.91 अंक पर बंद हुआ। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात के काफी समय बाद वॉल स्ट्रीट को ऐसा कौन सा संकेत और उम्मीद की किरण दिखी जिसके कारण शेयर बाजार में उछाल आया?
वॉल स्ट्रीट को क्या संकेत मिले?
ट्रुइस्ट एडवाइजरी सर्विसेज के सह-मुख्य निवेश अधिकारी कीथ लर्नर ने कहा कि शेयर बाजार को अभी भी उम्मीद है कि यूक्रेन-रूस शांति समझौता अभी भी आगे बढ़ सकता है। विदेशी मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए लर्नर ने कहा कि वॉल स्ट्रीट ने स्पष्ट संकेत दिया है कि ट्रंप और जेलेंस्की के बीच इतने तनाव के बाद भी खनिज सौदा हो सकता है। जिसके बाद रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता आसानी से संपन्न हो जाएगा। दूसरी ओर, फोकस पार्टनर्स वेल्थ के मुख्य बाजार रणनीतिकार रिचर्ड स्टीनबर्ग ने कहा कि यह बहुत ही भावनात्मक समय है, उन्होंने निवेशकों को बाजार में जल्दबाजी में कोई भी कदम उठाने के प्रति आगाह किया।
शेयर बाजार के लिए फरवरी का महीना बहुत खराब रहा है, क्योंकि नवम्बर में हुए चुनाव के बाद से शेयर बाजार पर ट्रम्प का प्रभाव कम हो गया है। उपभोक्ता भावना में खटास आ गई है। इसके अलावा, मेगाकैप टेक शेयरों में गिरावट आई है और इक्विटी में संभावित सुधार की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में काफी सुधार देखा गया है। इसके अलावा, यदि यूक्रेन शांति चाहता है तो उसे अमेरिका के साथ समझौता करना होगा। शेयर बाजार भी इसी उम्मीद के साथ तेजी के रुख के साथ बंद हुआ है। यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।
भारत के शेयर बाजार पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
अगर भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो वॉल स्ट्रीट ने जिस तरह की उम्मीदें जताई हैं। इसी उम्मीद के साथ भारत का शेयर बाजार भी आगे बढ़ सकता है। इसका मतलब यह है कि भारतीय शेयर बाजार में पिछले 5 महीनों से जारी गिरावट का सिलसिला मार्च महीने में थमता नजर आ सकता है। विशेषज्ञों अगर हम इस पर विश्वास करें तो अमेरिकी शेयर बाजार पहले ही ट्रम्प और ज़ेलेंस्की के बीच बैठक के प्रभाव का परीक्षण कर चुका है। साथ ही बाजार बंद होने के बाद जिस तरह के आंकड़े देखने को मिले हैं, वह भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक हो सकते हैं। यह स्पष्ट है कि मार्च महीने में भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।
यह गिरावट पिछले पांच महीनों से जारी है।
भारतीय शेयर बाजार में पिछले पांच महीनों से गिरावट देखी जा रही है। अक्टूबर से फरवरी तक सेंसेक्स और निफ्टी में 13 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है। इस दौरान निवेशकों को 91 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। खास बात यह है कि फरवरी के आखिरी कारोबारी दिन निवेशकों को 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1,414.33 अंक यानी 1.90 फीसदी की गिरावट के साथ 73,198.10 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,471.16 अंक गिरकर 73,141.27 अंक पर आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी में भी लगातार आठवें दिन गिरावट जारी रही और यह 420.35 अंक या 1.86 प्रतिशत गिरकर 22,124.70 पर बंद हुआ। इस भारी गिरावट के कारण बीएसई सेंसेक्स पिछले साल 27 सितंबर को पहुंची अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई 85,978.25 से अब तक 12,780.15 अंक या 14.86 प्रतिशत गिर चुका है। वहीं, एनएसई निफ्टी 27 सितंबर 2024 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 26,277.35 से अब तक कुल 4,152.65 अंक या 15.80 प्रतिशत गिर चुका है।