अमेरिका के उच्च टैरिफ से भारतीय रुपया बुरी तरह प्रभावित हुआ है और डॉलर के मुकाबले इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है। अमेरिकी टैरिफ 27 अगस्त से लागू होने जा रहा है, जिसके बाद भारतीय वस्तुओं पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगेगा। वाशिंगटन द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद से भारतीय मुद्रा दबाव में है।
दबाव में रुपया
सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन, मंगलवार को बाजार खुलते ही डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे कमजोर होकर 87.88 पर पहुँच गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि बुधवार से लागू होने वाले 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ के कारण आयातकों की ओर से डॉलर की माँग बढ़ गई है, जिससे रुपये पर और दबाव पड़ा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 87.74 पर खुला, जो तुरंत 87.78 पर आ गया। यह पिछले कारोबारी दिन की तुलना में 22 पैसे की गिरावट दर्शाता है। सोमवार को भी रुपया 4 पैसे की गिरावट के साथ 87.56 पर बंद हुआ था।
रुपये में गिरावट क्यों आई?
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.05 फीसदी गिरकर 98.38 पर आ गया। ऊंचे टैरिफ का असर शेयर बाजार पर भी साफ दिखाई दिया। बीएसई का 30 अंकों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 546.87 अंक गिरकर 81,089.04 पर आ गया। इसके बाद यह करीब 660 अंक नीचे चला गया। जबकि, एनएसई का निफ्टी 50 भी 179.05 अंक गिरकर 24,788.70 पर आ गया। साथ ही, सभी शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड 0.41 फीसदी गिरकर 68.52 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वहीं, शेयर बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाली के मूड में थे और उन्होंने 2,466.24 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।