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ड्रीम लीग ऑफ इंडिया का शानदार आगाज, सोनू सूद बोले- गली के सितारे बनेंगे सुपरस्टार

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नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। ड्रीम लीग ऑफ इंडिया (डीएलआई) का बुधवार को नई दिल्ली में शानदार आगाज हुआ। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में लीग के खिलाड़ी, आयोजक और ब्रांड एंबेसडर अभिनेता सोनू सूद व संगीतकार सलीम मर्चेंट शामिल हुए। यह लीग गली-मोहल्लों के युवा क्रिकेटरों को एक बड़ा मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, ताकि उनकी प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले। दिल्ली में होने वाले इस टूर्नामेंट में हजारों खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है।

सोनू सूद ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “ड्रीम लीग ऑफ इंडिया एक ऐसा मंच है, जो गली-मोहल्लों के सितारों को स्टेडियम में लाकर सुपरस्टार बनाएगा। यह छोटे खिलाड़ियों के लिए शानदार अवसर है। जिन्होंने अब तक पड़ोसियों के शीशे तोड़े, वे अब स्टेडियम में दिल जीतेंगे। मुझे भरोसा है कि यह लीग देशभर के युवाओं को बड़े मौके देगी।” उन्होंने मुंबई इंडियंस और पंजाब को अपनी पसंदीदा टीमें बताते हुए सभी अच्छे प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का समर्थन करने की बात कही।

लीग के आयोजकों में से एक चैतन्य नंदा ने बताया कि डीएलआई का लक्ष्य निष्पक्ष ट्रायल और सभी खिलाड़ियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, “हम पूरे साल क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित करेंगे, जिसमें इंटर-जोनल और जोनल मुकाबले शामिल होंगे। हमारा आईटी सेव के साथ समझौता हुआ है, ताकि अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टेनिस बॉल क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए स्काउट किया जा सके। हजारों पंजीकरण हो चुके हैं, और हमें जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।” नंदा ने बीसीसीआई की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा युवाओं को मौका दिया, जिसके चलते छोटे शहरों के खिलाड़ी भी स्टार बन रहे हैं।

ऋषभ भाटिया ने कहा कि डीएलआई का मकसद समाज को कुछ देना है। उन्होंने बताया, “मैंने क्रिकेट में ऐसी संभावनाएं देखी, जहां मैं योगदान दे सकता था। टेनिस बॉल क्रिकेट के जरिए हम गली-गली से प्रतिभाओं को सामने लाना चाहते हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाना चाहते हैं।” भाटिया ने स्वीकार किया कि शुरुआत में खिलाड़ियों को भरोसा दिलाना मुश्किल था, क्योंकि उन्हें लगता था कि यह कोई धोखा हो सकता है। लेकिन अब समर्थन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “लाखों में से एक-दो बच्चों को ही मौका मिलता है। हम चाहते हैं कि भविष्य में 14-15 साल के बच्चे भी आईपीएल में खेलें। हम ऐसा मंच बनाना चाहते हैं।”

–आईएएनएस

पीएसएम/सीबीटी

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