सालों से टीवी पर दर्शकों का दिल जीत रहा “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” सिर्फ़ एक शो नहीं, बल्कि दर्शकों का पसंदीदा पारिवारिक शो बन गया है। बच्चे, युवा और बुज़ुर्ग, सभी इसे एक साथ देखना पसंद करते हैं। 17 सालों से चल रहा यह शो न सिर्फ़ अपनी कहानियों और हास्य के लिए मशहूर है, बल्कि इसके हर किरदार ने दर्शकों के दिलों में अपनी एक ख़ास जगह भी बनाई है। इस शो की ख़ास बात यह है कि यह न सिर्फ़ पर्दे पर, बल्कि पर्दे के पीछे भी गहरे रिश्तों को दर्शाता है। कुछ किरदार असल ज़िंदगी में परिवार के सदस्य हैं। आइए जानें कि असल ज़िंदगी में कौन से कलाकार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
दिशा वकानी और मयूर वकानी: रील और रियल लाइफ़, दोनों में भाई-बहन
शो में दया भाभी और सुंदर लाल के किरदारों को कौन भूल सकता है? उनकी नोक-झोंक और केमिस्ट्री हमेशा दर्शकों को हंसाती रही है। दिलचस्प बात यह है कि इन किरदारों को निभाने वाली दिशा वकानी और मयूर वकानी असल ज़िंदगी में भी भाई-बहन हैं। दोनों गुजरात से हैं और थिएटर बैकग्राउंड से हैं। हालाँकि वे सोशल मीडिया पर ज़्यादा सक्रिय नहीं हैं, लेकिन उनका रिश्ता काफ़ी मज़बूत है।
समय शाह और भव्य गांधी, टप्पू और गोगी असल ज़िंदगी में भाई हैं
टप्पू सेना की मस्ती में टप्पू और गोगी की जोड़ी काफ़ी लोकप्रिय रही है। टप्पू का किरदार मूल रूप से भव्य गांधी ने निभाया था, जबकि गोगी का किरदार समय शाह ने निभाया है। असल ज़िंदगी में, वे चचेरे भाई-बहन हैं। असल ज़िंदगी में भी उनका रिश्ता काफ़ी गहरा है। उन्हें कई बार साथ में जन्मदिन और त्यौहार मनाते देखा गया है। हालाँकि भव्य अब शो छोड़ चुके हैं, लेकिन समय शाह गोगी के रूप में शो में बने हुए हैं।
तन्मय वेकारिया और अरविंद वेकारिया, पिता-पुत्र की जोड़ी
शो में बाघा के रूप में प्रसिद्ध हुए तन्मय वेकारिया के पिता अरविंद वेकारिया भी इस शो का हिस्सा थे। एक एपिसोड में, उन्होंने एक सुनार की भूमिका निभाई थी, जिसने आत्माराम भिड़े का गिरवी रखा सोना हड़प लिया था। अरविंद एक प्रसिद्ध गुजराती थिएटर अभिनेता हैं और उन्होंने शो में कई अन्य छोटी भूमिकाएँ भी निभाई हैं। भले ही उन्होंने साथ में स्क्रीन शेयर नहीं की है, लेकिन वे ‘तारक मेहता’ की दुनिया का हिस्सा रहे हैं।
दिशा वकानी और पिता भीम वकानी
दया भाभी यानी दिशा वकानी के पिता भीम वकानी भी शो के एक खास एपिसोड में नज़र आए थे। उन्होंने बापूजी के दोस्त मावजी छेदा का किरदार निभाया था, जिन्हें जेठालाल और दया काकाजी कहते हैं। भीम वकानी खुद एक थिएटर आर्टिस्ट हैं और भले ही उनका रोल छोटा था, लेकिन दर्शकों को उनका अंदाज़ बेहद पसंद आया।
यह शो एक परिवार जैसा बन गया है
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सिर्फ़ एक टीवी शो नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जहाँ असली रिश्तों को भी जीवंत किया जाता है। कलाकारों के बीच का भाईचारा, चाहे वह पारिवारिक हो या सालों से साथ काम करने से बनी दोस्ती, शो की जान बन गया है। यही वजह है कि दर्शक इससे जुड़ाव महसूस करते हैं।