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दादी के सामने पोते की गर्दन पकड़कर ले गई बाघिन सुल्ताना, वीडियो में देखें त्रिनेत्र गणेश के दर्शन करने आया था परिवार

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राजस्थान के रणथम्भौर नेशनल पार्क क्षेत्र में बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर झाड़ियों में छिपी बाघिन सुल्ताना ने एक करीब 7 साल के मासूम बच्चे पर हमला कर दिया और उसे उठा कर जंगल की ओर ले गई। यह घटना इलाके में दहशत और गम का माहौल पैदा कर गई है।

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मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे

मिली जानकारी के अनुसार, बच्चा अपने परिवार के साथ त्रिनेत्र गणेश मंदिर के दर्शन के लिए गया हुआ था। यह मंदिर रणथम्भौर किले के समीप स्थित है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पैदल पहुंचते हैं। मंदिर तक जाने वाले रास्ते में जंगल क्षेत्र लगता है, जहां अकसर वन्यजीवों की मौजूदगी देखी जाती है।

परिवार जैसे ही रास्ते में आगे बढ़ा, झाड़ियों में पहले से छिपी बैठी बाघिन सुल्ताना ने अचानक झपट्टा मारा और बच्चे को उठाकर जंगल की ओर भाग गई। जब तक परिजन कुछ समझ पाते और मदद के लिए पुकारते, तब तक बाघिन गहरे जंगल में गायब हो चुकी थी।

वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची

घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम, रेंजर और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बाघिन को मौके से हटाया गया और बच्चे का शव बरामद किया गया।

इसके बाद शव को कानूनी प्रक्रिया पूरी कर परिजनों को सौंप दिया गया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है और श्रद्धालुओं में भय व्याप्त है।

बाघिन ‘सुल्ताना’ पहले भी रही है आक्रामक

सूत्रों के अनुसार, बाघिन सुल्ताना रणथम्भौर की एक जानी-मानी और आक्रामक प्रवृत्ति वाली बाघिन है। इससे पहले भी यह बाघिन मानवीय गतिविधियों के पास देखी गई है, लेकिन इस तरह की सीधी मानव हत्या की यह पहली घटना है।

वन विभाग अब इस घटना के बाद बाघिन की गतिविधियों की निगरानी बढ़ाने और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा रणनीति बनाने की तैयारी कर रहा है।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस दर्दनाक हादसे ने वन क्षेत्र में आम लोगों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। त्रिनेत्र गणेश मंदिर, जो कि धार्मिक आस्था का केंद्र है, वहां तक पहुंचने वाला रास्ता पूरी तरह जंगल से होकर गुजरता है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाए, कैमरे लगाए जाएं और मंदिर दर्शन का समय सीमित किया जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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