दिल्ली की महिलाओं के लिए फ्री बस सफर की सुविधा अब डिजिटल हो गई है। अरविंद केजरीवाल सरकार के समय शुरू की गई इस योजना में अब भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में आई भाजपा सरकार ने अब इस सुविधा को और अधिक पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाने का फैसला किया है। इसके तहत अब पिंक स्लिप की जगह डिजिटल कार्ड लाना अनिवार्य किया जाएगा।
कब से लागू होगा नया नियम?
सरकार की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, 25 अप्रैल 2025 से डिजिटल कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। यानी इस तारीख के बाद महिलाएं फ्री सफर का लाभ उठाने के लिए पिंक टिकट नहीं, बल्कि डिजिटल कार्ड का इस्तेमाल करेंगी। इस कार्ड को ऑनलाइन बनाया जाएगा, जिससे फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
डिजिटल कार्ड बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज
फ्री सफर की इस सुविधा का लाभ सिर्फ दिल्ली की महिलाओं को मिलेगा। इसलिए सरकार ने कुछ डॉक्यूमेंट अनिवार्य किए हैं:
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आधार कार्ड: जिसमें दिल्ली का पता होना जरूरी है।
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वोटर कार्ड (यदि आधार कार्ड नहीं है): दिल्ली का वोटर ID कार्ड भी मान्य होगा।
अगर इन दस्तावेजों में से कोई एक आपके पास है, तो आप डिजिटल कार्ड के लिए आवेदन कर सकती हैं।
क्यों किया गया यह बदलाव?
नई सरकार का कहना है कि पुराने सिस्टम में पारदर्शिता की कमी थी और एक ही व्यक्ति कई बार पिंक स्लिप ले सकता था। डिजिटल कार्ड लाने के पीछे सरकार की मंशा है कि हर महिला को एक यूनिक कार्ड मिले जिससे डुप्लिकेट या फर्जी कार्ड बनाने पर रोक लगे।
साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सिर्फ दिल्ली की निवासी महिलाएं ही इस स्कीम का लाभ उठाएं, क्योंकि बाहर के राज्यों की महिलाएं भी इस सुविधा का गलत इस्तेमाल कर रही थीं।
ऑनलाइन प्रक्रिया कैसे होगी?
सरकार जल्द ही एक पोर्टल या मोबाइल ऐप लॉन्च करेगी, जहां महिलाएं अपने दस्तावेज अपलोड करके डिजिटल कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगी। कार्ड एक यूनिक QR कोड के साथ होगा, जिसे बस कंडक्टर या मशीन द्वारा स्कैन किया जा सकेगा।
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार का यह कदम महिलाओं के फ्री सफर को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। इससे एक ओर जहां फर्जीवाड़ा रुकेगा, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को लंबे समय में ज्यादा सुविधा और सम्मान मिलेगा।