सिविल लाइंस स्थित अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर दो दिन पहले हमला हुआ था। गोल्डी बरार-रोहित गोदारा गैंग के शूटर विजय और नकुल ने 11 सितंबर की सुबह 4.30 बजे फायरिंग की थी, लेकिन मामले की विवेचना नहीं हो सकी। फायरिंग के बाद स्प्लेंडर बाइक से लौटते समय दोनों झुमका चौराहे पर पहुँचे, तभी अपाचे बाइक पर गलत साइड से लाल जूते पहने रविंद्र और अरुण शहर में प्रवेश कर रहे थे। इसके बाद विजय और नकुल दिल्ली लौट गए, जबकि रविंद्र और अरुण ने आगे की घटनाओं की कमान संभाली। दोनों बदमाश रेकी के बाद रामपुर के घमौरा स्थित अपना पंजाब होटल में रुके थे। इसके बाद 12 सितंबर की रात दो बजे वे वहाँ से निकले और तड़के दिशा पाटनी के घर पहुँच गए। फायरिंग के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए, लेकिन सोमवार को गाजियाबाद में मारे गए। इन दोनों और फरार विजय व नकुल पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
2500 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शहर, हाईवे और टोल प्लाजा के 2500 सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए और कई सुराग मिले। रवींद्र और अरुण 12 सितंबर को दोपहर 2.32 बजे झुमका चौराहा (दिल्ली से आते समय शहर में प्रवेश द्वार) पहुँचे। वहाँ 22 मिनट रुके, एक दुकान पर चाय पी, नकद भुगतान किया। इसके बाद, दोनों दोपहर 3.24 बजे चौपुला चौराहे पर पहुँचे, फिर 3.33 बजे दिशा पाटनी के घर। बाइक चला रहे अरुण ने हेलमेट पहना हुआ था, जबकि विदेशी पिस्टल से फायरिंग कर रहे रवींद्र लाल जूते पहने पीछे बैठे थे।
अंधेरे में चेहरे नहीं दिख रहे थे
एसएसपी ने बताया कि अंधेरे के कारण कई फुटेज में शूटरों के चेहरे साफ नहीं दिख रहे थे, लेकिन अरुण के लाल जूते हर जगह दिखाई दे रहे थे। इसकी मदद से अस्पष्ट फुटेज के लिंक भी जोड़े गए, जिनकी मदद से शूटरों की लोकेशन का पता चला। इसके बाद हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान पुलिस की मदद से 515 बदमाशों का एक एल्बम तैयार किया गया। मिलान करने पर पता चला कि फायरिंग अरुण और रविंद्र ने की थी। तभी से टीमें उन दोनों के पीछे लगी थीं। बेखौफ बदमाश बिना चेहरा छिपाए आ धमके।
अभिनेत्री दिशा पटानी का घर सिविल लाइंस में है। वह मुंबई में रहती हैं, जबकि उनके पिता रिटायर्ड सीओ जगदीश पाटनी, मां पद्मा और बहन रिटायर्ड मेजर खुशबू पाटनी यहीं रहती हैं। जगदीश ने बताया कि उन्हें 11 सितंबर की सुबह गोलीबारी की जानकारी तब मिली, जब पड़ोसियों ने उन्हें बताया। इसके बाद 12 सितंबर को तड़के जब बाइक सवार बालकनी में आया, तो बदमाशों ने फायरिंग कर दी और फरार हो गए। उसी दोपहर गोल्डी बराड़ गिरोह ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर और दिल्ली के कुछ मीडिया संस्थानों को पुर्तगाली फोन नंबर से एक वाइस मैसेज भेजकर गोलीबारी की जिम्मेदारी ली।
जगदीश की तहरीर पर दो अज्ञात बाइक सवार बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार एसपी समेत छह पुलिस टीमें तलाश में जुटी थीं। शुरुआती 24 घंटों की जांच में ही पुलिस को पता चल गया था कि दिल्ली की तरफ से आए बदमाश फायरिंग के बाद नैनीताल रोड पर भाग गए थे।
यह रहा था विवाद
जुलाई में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ पर आपत्ति जताते हुए एक टिप्पणी की थी। इस पर खुशबू पटानी ने एक वीडियो जारी कर अनिरुद्धाचार्य का तीखे शब्दों में विरोध किया था। इंटरनेट मीडिया पर छिड़ी बहस के बीच यह भी चर्चा रही कि खुशबू ने संत प्रेमानंद के खिलाफ भी एक बयान जारी किया था। इस पर खुशबू ने सफाई दी कि उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा।
खुशबू के इस खुशबू विरोधी बयान से गोल्डी बरार गैंग भड़क गया और हमला बोल दिया। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर लिखा कि दिशा पटानी और खुशबू ने संतों का अपमान किया है, इसलिए उन पर हमला किया। उन्होंने बॉलीवुड को इस बहाने धमकी भी दी कि वहाँ सनातन के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।