Home व्यापार देश के आर्थिक परिदृश्य में सुधार, शेयर बाजार में लौटे एफआईआई :...

देश के आर्थिक परिदृश्य में सुधार, शेयर बाजार में लौटे एफआईआई : रिपोर्ट

6
0

नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। देश की आर्थिक चुनौतियां कम हो गई हैं और कुछ प्रमुख संकेतकों में रुझान बताते हैं कि परिदृश्य में सुधार हो रहा है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 20 मार्च से अब तक 3.8 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय शेयर खरीदे हैं।

जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत से अधिक जलाशय स्तर, ग्रामीण मजदूरी में वृद्धि, कम कर दरें और सुधरता हुआ ‘रोजगार बाजार’ शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के लिए सकारात्मक बना हुआ है।

वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर 6.2 प्रतिशत रही, जो दूसरी तिमाही के 5.6 प्रतिशत की तुलना में सुधार दर्शाता है। खाद्य मुद्रास्फीति पिछले कुछ महीने में तेजी से घटकर फरवरी में 3.8 प्रतिशत पर आ गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “आरबीआई अप्रैल की बैठक में रेपो दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती के साथ नीतिगत दरों में नरमी के रुख को जारी रख सकता है। इसी के साथ दिसंबर और जनवरी में केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में भी वृद्धि हुई है और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए परिदृश्य अच्छा है।”

फरवरी के अंत तक के आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के पास बड़ी मात्रा में नकदी मौजूद है, जो इक्विटी एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) का 5.4 प्रतिशत है।

सितंबर 2024 से निफ्टी50 अपने शीर्ष से 11 प्रतिशत नीचे आ गया है और मूल्यांकन शिखर पर पहुंचकर नीचे आ चुका है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारा मानना है कि ‘मीन रिवर्शन’ हो चुका है, जिससे आगे गिरावट की सीमित गुंजाइश है।”

अच्छे मानसून और जलाशय के स्तरों के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी 2025 में बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है, “वर्तमान जलाशय स्तर दीर्घकालिक औसत स्तरों से अधिक है। इससे किसानों में आत्मविश्वास बढ़ा है और फसल की बुवाई बढ़ी है, जिसका असर अंततः आय में वृद्धि के रूप में दिखना चाहिए। कृषि और गैर-कृषि मजदूरी में वृद्धि से भी व्यय योग्य आय में वृद्धि होनी चाहिए।”

हाल ही में बजट में घोषित आयकर कटौती से सरकार को एक लाख करोड़ रुपये का कम राजस्व मिलेगा। इससे शहरी आबादी के हाथों में पैसा आना चाहिए और गैर-अनिवार्य खर्च को बढ़ावा मिलना चाहिए।

–आईएएनएस

एसकेटी/एकेजे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here