गरुड़ पुराण से हमें कई तरह की शिक्षाएं मिलती हैं। गरुड़ पुराण में मृत्यु से पहले और बाद की स्थिति का वर्णन किया गया है। यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है। हर व्यक्ति को यह पुराण पढ़ना चाहिए। गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है। इसे 18 पुराणों में से एक माना जाता है। गरुड़ पुराण हमारे जीवन के बारे में कई रहस्यमयी बातें बताता है। जिसके बारे में व्यक्ति को जरूर जानना चाहिए।
संयम और सतर्कता: जीवन है तो दोस्त और दुश्मन भी हैं। कहा जाता है कि जिसका कोई दुश्मन नहीं होता वह अपने जीवन में कुछ नहीं कर रहा होता है। ऐसे में उसका कोई दोस्त भी नहीं होता। इसका मतलब यह नहीं है कि हम जानबूझकर लोगों को दुश्मन बना लें। अगर हम अपना जीवन अपने तरीके से जी रहे हैं तो दुश्मनों का होना स्वाभाविक है। कुछ दुश्मन सामान्य होते हैं तो कुछ खतरनाक। यानी ऐसा दुश्मन जिसने दिल पर कब्जा कर लिया हो। जीवन को हल्के में न लें। अब ऐसे दुश्मनों से चतुराई से बचना होगा, वरना वह कब, कहां और कैसे आपको नुकसान पहुंचा दे इसका कोई भरोसा नहीं है। गरुड़ पुराण की नीति में कहा गया है कि शत्रुओं से निपटने के लिए सतर्कता और चतुराई का प्रयोग करना चाहिए। शत्रु हमें लगातार नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसे में अगर हम चतुराई नहीं दिखाएंगे तो हमें नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए शत्रु को उसके स्वभाव के अनुसार नीति का प्रयोग करके नियंत्रित करना चाहिए।
कपड़े साफ और सुगंधित होने चाहिए: अगर आप अमीर, धनवान या सौभाग्यशाली बनना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप साफ, सुंदर और सुगंधित कपड़े पहनें। गरुड़ पुराण के अनुसार उन लोगों का सौभाग्य नष्ट हो जाता है जो गंदे कपड़े पहनते हैं। जिस घर में गंदे कपड़े पहनने वाले लोग होते हैं, वहां लक्ष्मी कभी नहीं आती हैं। जिससे उस घर का सौभाग्य भी चला जाता है और दरिद्रता अपना घर बना लेती है। ऐसा देखा गया है कि जो लोग धनवान होते हैं और उनके पास सभी सुख-सुविधाएं होती हैं, लेकिन फिर भी वे गंदे कपड़े पहनते हैं, उनका धन धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है। इसलिए हमें साफ और सुगंधित कपड़े पहनने चाहिए ताकि महालक्ष्मी की कृपा हम पर बनी रहे।
अभ्यास से ज्ञान का संरक्षण: प्रश्न, ज्ञान, विद्या या याद रखने वाली कोई भी बात कितनी भी कठिन क्यों न हो, उसे अभ्यास से ही संरक्षित किया जा सकता है। अभ्यास करने से व्यक्ति न केवल उक्त ज्ञान में पारंगत होता है, बल्कि उसे कभी भूलता भी नहीं है। अभ्यास के बिना ज्ञान नष्ट हो जाता है। यदि हम समय-समय पर ज्ञान या विद्या का अभ्यास नहीं करेंगे, तो वह भूल जाएगा। गरुड़ पुराण के अनुसार माना जाता है कि हम जो भी पढ़ते हैं, उसका एक बार अभ्यास अवश्य करना चाहिए। ताकि वह ज्ञान हमारे मस्तिष्क में अच्छी तरह बैठ जाए।
स्वस्थ शरीर: संतुलित भोजन करने से ही स्वस्थ शरीर प्राप्त होता है। भोजन से ही व्यक्ति को स्वास्थ्य मिलता है और भोजन से ही वह बीमार होता है। भोजन ही हमारे शरीर का मुख्य स्रोत है। हमारी आधी से अधिक बीमारियाँ हमेशा असंतुलित भोजन करने के कारण ही होती हैं। जिसके कारण हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता। इसलिए हमें हमेशा आसानी से पचने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। ऐसे भोजन से पाचन तंत्र ठीक से काम करता है और शरीर को भोजन से पूरी ऊर्जा मिलती है। पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और इसके कारण हम बीमारियों से बचे रहते हैं। एकादशी व्रत को शास्त्रों और पुराणों में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। गरुड़ में इसकी महिमा का खूब वर्णन किया गया है। जो व्यक्ति एकादशी व्रत रखता है, वह सभी संकटों से सुरक्षित रहता है। उसे उस व्रत का लाभ अवश्य मिलता है। एकादशी व्रत रखने के कुछ नियम हैं। इस व्रत को नियमानुसार ही रखना चाहिए। इस दिन केवल फलाहार करना चाहिए। किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करना चाहिए, तभी यह व्रत फल देता है। ज्योतिषियों के अनुसार इसे रखने से चंद्रमा का कोई भी बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है।
तुलसी का महत्व समझें: वैसे तो गरुड़ पुराण के अलावा कई अन्य पुराणों में भी तुलसी के महत्व का वर्णन किया गया है। घर में तुलसी रखने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। इसका प्रतिदिन सेवन करने से व्यक्ति को कोई भी रोग नहीं हो सकता। तुलसी को अपने घर में स्थान देने और उसमें जल डालने से रुके हुए रास्ते खुल जाते हैं। भगवान के प्रसाद में इसका सेवन करने से सभी शारीरिक और मानसिक विकार दूर होते हैं। भगवान विष्णु की पूजा के बाद इसकी पूजा करने से उत्तम फल मिलता है।
मंदिर और धर्म का सम्मान करें: जो व्यक्ति किसी भी देवी, देवता या धर्म का अपमान करता है, उसे अपने जीवन में एक दिन पछताना पड़ता है और वह नर्क में जाता है। गुरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोगों के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है। गुरुड़ पुराण के अनुसार पवित्र स्थानों (मंदिर आदि) पर गंदे काम करने वाले, अच्छे लोगों को धोखा देने वाले, किसी के उपकार के बदले में उसका दुरुपयोग करने वाले, धर्म, वेद, पुराण और शास्त्रों के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले लोगों को नर्क से कोई नहीं बचा सकता।