भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों की कड़वाहट एक बार फिर खेल के मैदान में झलक गई है। एशिया कप 2025 के दौरान भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त देने के साथ ही मैच के बाद खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से भी इनकार कर दिया। यह कदम भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के समर्थन में उठाया, जिसमें अप्रैल 2025 में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। भारतीय खिलाड़ियों के इस प्रतीकात्मक विरोध ने पाकिस्तान को असहज स्थिति में डाल दिया है। इसी पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद आफरीदी ने भारत और मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
पाकिस्तान की बौखलाहट और PCB की गीदड़भभकी
भारतीय टीम के व्यवहार से बौखलाए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की, लेकिन आईसीसी ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से एशिया कप से हटने तक की धमकियां दी जाने लगीं। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि यह महज दबाव बनाने की रणनीति है, क्योंकि टूर्नामेंट छोड़ना पाकिस्तान के क्रिकेट हितों के खिलाफ जाएगा।
आफरीदी का भारत पर इजरायल जैसा आरोप
इसी कड़ी में शाहिद आफरीदी ने पाकिस्तान के एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ वैसा ही बर्ताव कर रहा है जैसा इजरायल गाजा के साथ करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत एक “नए इजरायल” की तरह बर्ताव कर रहा है और जब तक मोदी सरकार सत्ता में है, ऐसा ही होता रहेगा। यह बयान पाकिस्तान के अंदरूनी असुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने की हताशा का संकेत माना जा रहा है।
मोदी सरकार पर राजनीति का आरोप
शाहिद आफरीदी ने मोदी सरकार पर हिंदू-मुस्लिम राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव जीतने और सत्ता में बने रहने के लिए मजहबी कार्ड खेलती है। आफरीदी के इस बयान को पाकिस्तान के घरेलू राजनीति और भारत-विरोधी प्रचार का हिस्सा माना जा रहा है। भारत सरकार बार-बार साफ कर चुकी है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, जबकि पाकिस्तान लगातार आतंकियों को पनाह देता आया है।
राहुल गांधी की तारीफ, मोदी सरकार पर वार
दिलचस्प बात यह रही कि आफरीदी ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सकारात्मक सोच वाले नेता हैं और बातचीत के जरिए दुनिया को साथ लेकर चलना चाहते हैं। यह बयान भारत की घरेलू राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गया है। बीजेपी समर्थकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया पर कांग्रेस को पाकिस्तान समर्थक करार दिया।
हाथ न मिलाने का विवाद
भारत-पाकिस्तान के बीच दुबई में खेले गए इस मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानियों से हाथ नहीं मिलाया। यह कदम सीधे तौर पर पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ विरोध का प्रतीक था। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताते हुए शिकायत दर्ज कराई, जबकि भारतीय फैंस ने इस कदम को सही ठहराया। आफरीदी ने आरोप लगाया कि भारतीय खिलाड़ियों को “ऊपर से ऑर्डर” मिले थे कि वे पाकिस्तानी टीम से हाथ न मिलाएं।
आईसीसी का फैसला और पाकिस्तान की रणनीति
पीसीबी की लगातार शिकायतों और धमकियों के बीच आईसीसी ने साफ कर दिया कि रेफरी पायक्रॉफ्ट को नहीं हटाया जाएगा। इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान क्रिकेट अब राजनीतिक बयानबाजी के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन खेल जगत में भारत की मजबूत स्थिति और आर्थिक ताकत पाकिस्तान की इन रणनीतियों को बार-बार नाकाम कर देती है।
खेल के जरिए राजनीति?
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा से ही तनाव और भावनाओं का केंद्र रहा है। लेकिन एशिया कप 2025 का यह विवाद खेल से ज्यादा राजनीतिक रंग ले चुका है। एक तरफ भारत ने पाकिस्तान को मैदान में हराकर अपनी श्रेष्ठता साबित की, तो दूसरी ओर हाथ न मिलाने के कदम से यह संदेश दिया कि आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। वहीं पाकिस्तान इस मुद्दे पर “विक्टिम कार्ड” खेल रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी दलीलें कमजोर पड़ रही हैं।