लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क,अपना घर हर किसी का सपना होता है. लोग अपनी पूरी जिंदगी की कमाई घर बनाने में लगा देते हैं। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें जीवन भर अपना घर नहीं मिल पाता है। लेकिन अगर आप अपनी मेहनत की कमाई से घर बनाते हैं, तो भी एक गलती आपको जीवन भर परेशान करती रहेगी। हम बात कर रहे हैं वास्तु दोष के बारे में। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, कोई भी घर कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसमें वास्तु दोष है तो वह रहने लायक नहीं रहता। वहां रहने वाले लोग बीमारियों, समस्याओं और कलह से घिरे रहते हैं। अगर कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो इससे बचा जा सकता है।
1-परिवार के मुखिया और उसकी पत्नी का शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम, या पश्चिम-दक्षिण में होना चाहिए। रसोईघर भी दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम की ओर होना चाहिए।
अगर किचन वास्तु के अनुसार बनाया जाए तो खाना स्वादिष्ट भी लगता है और लोगों की सेहत भी बरकरार रहती है।
2- पूजा कक्ष एवं अध्ययन कक्ष उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
3- घर के अंदर शौचालय नहीं होना चाहिए. लेकिन अगर मजबूरी में इसे बनाना पड़े तो इसे उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाएं। सीढ़ियाँ दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनानी चाहिए।
4- पुराने मलबे से घर न बनाएं. इसमें नकारात्मक ऊर्जा होती है. पुराने मलबे में कोयला, हड्डियाँ, कपड़े हो सकते हैं, जिससे हेराफेरी भी हो सकती है।
5- घर का मुख उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए। जिस भूखंड पर घर बनाया जाए वह कम से कम वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए।
6- हैण्डपम्प एवं पानी की टंकी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होनी चाहिए।
7- मुख्य बिजली कनेक्शन, इनवर्टर या जनरेटर दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम में होने चाहिए।
8- भूखंड की खुदाई उत्तर-पूर्व से करें तथा भराव दक्षिण-पश्चिम से करें।
9- नैऋत्य कोण 90 डिग्री का होना चाहिए।
10- घर बनाने के बाद वास्तु पूजा या वास्तु शांति पूजा जरूर कराएं।