भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने गुरुवार को पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के लिए दावा निपटान प्रक्रिया में ढील देने की घोषणा की। कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए क्रूर आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
आतंकवादी हमले में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए एलआईसी ने एक बयान में कहा कि वह प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है और वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए दावों के निपटान में तेजी लाएगी। एलआईसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि बीमा कंपनी ने एलआईसी पॉलिसीधारकों की कठिनाइयों को कम करने के लिए कई रियायतों की घोषणा की है।
दावे के लिए ये दस्तावेज होंगे मान्य
उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र के स्थान पर, आतंकवादी हमले में पॉलिसीधारक की मृत्यु का सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कोई भी साक्ष्य या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा दिया गया कोई मुआवजा मृत्यु के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा। बयान के अनुसार, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे कि दावेदारों तक पहुंचा जाए तथा प्रभावित परिवारों के दावों का शीघ्रता से निपटारा किया जाए। आप 022-68276827 पर कॉल कर सकते हैं।
पहलगाम हमले में हुई चूक
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर गुरुवार को सर्वदलीय बैठक हुई। सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजनीतिक दलों को जानकारी दी। आज की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने माना कि गलती हुई है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ नहीं हुआ तो हम यहां क्यों बैठे हैं?
अधिकांश राजनीतिक दलों ने वहां खुफिया विफलता और उचित सुरक्षा तैनाती का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने यह भी पूछा कि जिस स्थान पर यह घटना हुई, वहां कोई सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं था। जिस पर सरकार ने कहा कि आम तौर पर यह मार्ग जून माह में खोला जाता है। जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है, क्योंकि अमरनाथ यात्रा यात्री इस स्थान पर विश्राम करते हैं।