क्रिकेट न्यूज डेस्क।। पाकिस्तान ने भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाकर बहुत बड़ी गलती की है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुई आतंकी घटना के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। तब से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस तनाव के कारण 8 मई को रावलपिंडी में होने वाला पाकिस्तान सुपर लीग मैच रद्द कर दिया गया। इतना ही नहीं पाकिस्तान सुपर लीग में हिस्सा ले रहे सभी विदेशी खिलाड़ी भी दहशत में हैं।
टूर्नामेंट में भाग लेने वाले कुछ विदेशी खिलाड़ियों ने भी अपने देश लौटने के बारे में अपनी फ्रेंचाइजी से बात की है। ऐसे में अब पीएसएल के 10वें सीजन पर भी रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि पाकिस्तान की ओर से लगातार ड्रोन हमले हो रहे हैं। ऐसे में अगर भारत बदला ले लेता है तो इस पीएसएल सीजन को पूरा करना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि पाकिस्तान के कुछ प्रमुख स्टेडियम भारतीय सीमा के बहुत करीब हैं। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड दिवालिया हो जाएगा, क्योंकि इस लीग के कारण पीसीबी को लगातार घाटा हो रहा है। इससे न केवल पीसीबी बल्कि सभी 6 टीमों के मालिकों को भी भारी नुकसान होगा।
पीसीबी को पांचवें सत्र से ही नुकसान हो रहा है
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, पीसीबी को पिछले पांच सत्रों से पीएसएल से घाटा हो रहा है। यह घाटा फ्रेंचाइजी को अधिक शेयर देने के कारण हुआ है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, पीएसएल फ्रेंचाइजी को अधिक शेयर देने के कारण पीसीबी को 1,637.977 मिलियन रुपये का नुकसान हुआ है। पीसीबी और फ्रेंचाइजी के बीच 10 साल का अनुबंध था। इस समझौते में परिवर्तन 2025 में 10 वर्ष पूरे होने के बाद ही किया जा सकेगा।
ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि पीसीबी को पांचवें सत्र से ही घाटा होना शुरू हो गया था। मीडिया अधिकारों में फ्रेंचाइजी का हिस्सा बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिया गया। पीसीबी को केवल 20 प्रतिशत मिल रहा था। इसी प्रकार, प्रायोजन अधिकारों में 40 प्रतिशत फ्रेंचाइजी को और 60 प्रतिशत पीसीबी को मिले। यहां तक कि टिकटों की बिक्री में भी 90 प्रतिशत हिस्सा फ्रेंचाइजी को गया और केवल 10 प्रतिशत पीसीबी को गया।