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पिता ने बचपन में छोड़ा साथ, फिर शराब की लत ने करियर किया बर्बाद, गुमनामी में गुजारे कई साल

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कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं जिनमें हुनर ​​तो खूब होता है लेकिन किसी वजह से उन्हें मौका नहीं मिल पाता और उनका करियर खत्म हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे खिलाड़ी भी होते हैं जो हुनरमंद तो खूब होते हैं, उन्हें मौका भी मिलता है लेकिन वो जिंदगी में कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे उनका अच्छा खासा करियर बर्बाद हो जाता है। इन्हीं में से एक खिलाड़ी हैं दूसरी कैटेगरी के न्यूजीलैंड के जेसी राइडर। राइडर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में खूब नाम कमाया। वो एक बेहतरीन ऑलराउंडर साबित हुए लेकिन अपनी कुछ आदतों और विवादों की वजह से उनका करियर बर्बाद हो गया। हालात ऐसे हैं कि कभी न्यूजीलैंड के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले राइडर क्रिकेट से दूर हैं। राइडर का आज यानी 6 अगस्त को जन्मदिन है। राइडर बचपन से ही काफी दुख झेलते रहे हैं। जब वो 14 साल के थे तब उनके पिता उन्हें छोड़कर चले गए थे। उनके पिता ने उनकी मां को तलाक दे दिया और राइडर को एक दोस्त के पास ये कहकर छोड़ दिया कि वो एक हफ्ते में वापस आ जाएंगे। लेकिन वो कभी वापस नहीं आए। इस घटना ने उनके जीवन पर गहरा असर डाला। उनकी मां उन्हें वापस ले जाना चाहती थीं लेकिन उन्होंने मना कर दिया। परिवार से अच्छे संबंध रखने वाले टोरो ब्राउन और डायना रैनसम ने साढ़े चार साल तक उनका पालन-पोषण किया।

पिता से सीखा क्रिकेट और शराब

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में 5 मार्च 2020 को छपी रिपोर्ट में राइडर के साथ क्लब क्रिकेट खेलने वाले क्रेग फाइंडले के मुताबिक, राइडर के पिता पीटर खुद एक क्लब क्रिकेटर थे और उन्हीं से राइडर ने क्रिकेट सीखा और ऐसा क्रिकेटर बना, जिसे दुनिया ने पहचाना, लेकिन पिता से उसे एक और लत मिली, वो थी शराब पीने की। इसी वजह से वह क्रिकेट से भी दूर रहा। 2008 में डेब्यू करने के बाद राइडर ने विश्व क्रिकेट में अपना नाम बनाया। उनकी गिनती उन बल्लेबाजों में होती थी, जिनके पैर एक बार जम गए तो उन्हें आउट करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन 2012 में शराब की लत और चोट के कारण उन्होंने ब्रेक ले लिया। राइडर फाइटर थे और इसीलिए उन्होंने वापसी की।

उन्होंने घरेलू क्रिकेट में वापसी की। वह सही राह पर थे लेकिन तभी एक और विवाद उनके साथ जुड़ गया। मार्च 2013 में क्राइस्टचर्च में एक बार के बाहर उनका झगड़ा हो गया। झगड़ा भयंकर मारपीट में बदल गया जिसमें राइडर घायल हो गए। वह तीन दिन तक कोमा में रहे। परेशानियों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। इस साल प्रतिबंधित पदार्थ लेने के कारण उन पर छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया। वापसी पर लगाया तूफानी शतक राइडर ने इन सभी मुश्किलों को पार करते हुए वापसी की। वह न्यूजीलैंड टीम में वापस लौटे। अक्टूबर 2013 में उनका प्रतिबंध खत्म हुआ और जनवरी 2014 में उन्होंने तूफानी शतक लगाया। 3 जनवरी को उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 46 गेंदों पर शतक लगाया। इस मैच में राइडर ने 51 गेंदों पर 104 रनों की पारी खेली। लेकिन इसके बाद वह एक बार फिर विवादों में घिर गए। 2014-15 में न्यूजीलैंड की टीम को भारत का दौरा करना था और राइडर का नाम भी टीम में शामिल था लेकिन अनुशासनहीनता के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। इंग्लैंड में एसेक्स के लिए खेलते हुए उन्होंने जो खेल दिखाया, उसे देखते हुए उनका नाम 2015 वनडे विश्व कप के लिए न्यूजीलैंड टीम में चयन की दौड़ में था, लेकिन इस दौरान उन्होंने न्यूजीलैंड-ए टीम के साथ यूएई दौरे पर जाने से मना कर दिया और इस कारण वह विश्व कप नहीं खेल पाए। राइडर लंबे समय से क्रिकेट से दूर हैं और चुपचाप अपना जीवन जी रहे हैं। वह किसी से ज्यादा बात नहीं करते। पिछले साल सितंबर में वह लीजेंड्स लीग क्रिकेट में इंडियन कैपिटल्स के लिए खेले और फिर क्रिकेट जगत ने उन्हें कई सालों बाद देखा। उन्होंने इस लीग में सिर्फ दो मैच खेले। यह भी पढ़ें- कैंसर से जंग जीतने वाले न्यूजीलैंड के क्रिकेटर ऐसा रहा उनका करियर जेसी ने न्यूजीलैंड के लिए कुल 18 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 40.93 की औसत से 1269 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने तीन शतक और छह अर्धशतक लगाए। उन्होंने 48 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने 33.21 की औसत से 1362 रन बनाए। यहां भी उन्होंने तीन शतक और छह अर्धशतक लगाए। उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए 22 टी20 मैच खेले जिसमें उन्होंने 22.85 की औसत से 457 रन बनाए, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल हैं।

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