Home लाइफ स्टाइल पीएम किसान निधि से अलग किसानों को हर साल मिलेंगे 30000 रुपये,...

पीएम किसान निधि से अलग किसानों को हर साल मिलेंगे 30000 रुपये, जानें किस योजना में होगा यह फायदा?

7
0

यह रहा इस विषय पर आधारित एक SEO फ्रेंडली हिंदी न्यूज आर्टिकल (500 शब्दों में) जो किसानों के लिए राजस्थान सरकार की नई योजना पर केंद्रित है:

राजस्थान के किसानों को मिलेगी हर साल 30,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता, जानें कौन उठा सकता है लाभ

भारत में आज भी लाखों किसान खेती पर निर्भर हैं, लेकिन सभी किसानों को खेती से उतनी आमदनी नहीं हो पाती, जिससे वे आरामदायक जीवन जी सकें। किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें समय-समय पर कई योजनाएं चलाती हैं। इन्हीं योजनाओं की कड़ी में अब राजस्थान सरकार ने एक नई पहल की है, जिसके तहत किसानों को हर साल 30,000 रुपये की अतिरिक्त आर्थिक मदद दी जाएगी।

PM किसान योजना से अलग है यह लाभ

केंद्र सरकार पहले से ही किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये देती है। यह रकम तीन किस्तों में किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाती है। लेकिन अब राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के किसानों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने के लिए एक खास योजना शुरू की है।

बैल से खेती करने वाले किसानों को मिलेगा लाभ

राजस्थान सरकार ने इस योजना के तहत बैल की जोड़ी से खेती करने वाले किसानों को सालाना 30,000 रुपये देने की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि राज्य में बैलों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है और परंपरागत खेती के तरीके धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। ऐसे में इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ किसानों की मदद करना है, बल्कि पारंपरिक कृषि पद्धतियों को भी प्रोत्साहन देना है।

कौन उठा सकता है योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ सिर्फ राजस्थान के वे किसान उठा सकेंगे जो बैलों की मदद से खेती करते हैं। योजना में शामिल होने के लिए किसानों को कुछ प्रक्रिया पूरी करनी होगी:

  • किसान अपने नजदीकी ई-मित्र सेंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

  • या फिर राज किसान साथी पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है।

  • आवेदन के बाद किसानों को कियोस्क ऑपरेटर से रसीद मिलेगी।

  • ऑनलाइन आवेदन करने वालों को रसीद डिजिटल रूप में प्राप्त होगी।

क्या है वेरीफिकेशन की प्रक्रिया?

  • आवेदन के 30 दिनों के भीतर वेरीफिकेशन होगा।

  • अगर दस्तावेजों में कोई कमी पाई जाती है, तो किसान को SMS के जरिए सूचना दी जाएगी।

  • किसान को 30 दिन के अंदर दस्तावेजों की कमी को पूरा करना होगा।

  • समय पर कमियां पूरी न करने पर आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।

निष्कर्ष

राजस्थान सरकार की यह योजना उन किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है, जो अब भी पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि पारंपरिक कृषि संस्कृति को भी संरक्षित किया जा सकेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here