Home लाइफ स्टाइल पीएम धन-धान्य कृषि योजना को मिली मोदी कैबिनेट से मंजूरी, करोड़ों किसानों...

पीएम धन-धान्य कृषि योजना को मिली मोदी कैबिनेट से मंजूरी, करोड़ों किसानों को मिलेगा फायदा, जानें कैसे ?

3
0

किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अपनी 20वीं किस्त का इंतज़ार कर रहे थे, तभी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 36 योजनाओं वाली प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दे दी, जिसका वार्षिक परिव्यय 24,000 करोड़ रुपये होगा। इन योजनाओं से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की है।

छह वर्षों के लिए स्वीकृत, 100 कृषि ज़िलों का होगा विकास

मंत्रिमंडल ने बुधवार को छह वर्षों की अवधि के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दे दी। यह योजना 24,000 करोड़ रुपये के वार्षिक परिव्यय के साथ 100 ज़िलों को कवर करेगी। इसके तहत 100 कृषि ज़िलों का विकास किया जाएगा। केंद्रीय बजट में घोषित यह कार्यक्रम 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करेगा और फसल विविधीकरण तथा स्थायी कृषि पद्धतियों को अपनाने को बढ़ावा देगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णयों की जानकारी साझा करते हुए, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ेगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार होगा और कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है?

केंद्रीय बजट 2025-26 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की थी, जिसे अब मंत्रिमंडल की मंज़ूरी मिल गई है। इसके तहत कृषि ज़िलों का विकास किया जाएगा। यह योजना कम उत्पादकता, कम फसलों की बुवाई और औसत से कम ऋण उपलब्धता वाले 100 ज़िलों को लक्षित करेगी। भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण के लिए इस योजना को बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यह योजना फसल विविधीकरण, टिकाऊ और जलवायु-अनुकूल खेती पर केंद्रित होगी। इसके अलावा, फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाने और तकनीक में सुधार पर भी ज़ोर दिया जाएगा।

यह किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है?

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में कम रोज़गार की समस्या का समाधान, ग्रामीण संपदा का निर्माण और कौशल उन्नयन, निवेश एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास हेतु परिस्थितियों का अनुकूलन करना है। साथ ही, दलहनों में आत्मनिर्भरता के लिए छह वर्षीय ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ का उद्देश्य जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करना, उपज भंडारण में सुधार और किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, केंद्रीय बजट में सब्जियों और फलों का उत्पादन बढ़ाने, कुशल आपूर्ति, प्रसंस्करण सुनिश्चित करने और किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ग्रामीण ऋण स्कोर के विकास की योजना है।

शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी पर कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया

कैबिनेट बैठक के बाद, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज केंद्रीय कैबिनेट ने आईएसएस (अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की वापसी पर एक प्रस्ताव पारित किया है। यह पूरे देश के लिए गौरव, गर्व और खुशी का अवसर है। आज कैबिनेट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को पृथ्वी पर उनकी सफल वापसी पर बधाई देता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिनों का ऐतिहासिक मिशन पूरा किया है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय है। यह हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम के भविष्य की एक सुनहरी झलक प्रस्तुत करता है। मंत्रिमंडल इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की पूरी टीम को बधाई देता है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here