भारत सरकार देश के नागरिकों के लिए समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं लेकर आती है, जिनका मकसद समाज के कमजोर, जरूरतमंद और विशेष वर्गों को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना होता है। इन्हीं योजनाओं की कड़ी में साल 2023 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए लाई गई है जो पारंपरिक हस्तशिल्प और शारीरिक श्रम पर आधारित कार्य करते हैं।
सरकार का उद्देश्य है कि इन पारंपरिक कारीगरों और श्रमिकों को न केवल आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर बनाया जाए। आइए जानते हैं कि इस योजना का लाभ किन लोगों को मिलता है, इसमें क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं, और आवेदन की प्रक्रिया क्या है।
किन लोगों को मिलता है इस योजना का लाभ?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के उन कारीगरों और श्रमिकों के लिए लाई गई है, जो पीढ़ियों से पारंपरिक कार्यों में लगे हुए हैं। इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य करने वाले लोगों को लाभ मिलता है:
-
लोहार (अस्त्र बनाने वाले)
-
कुम्हार
-
दर्जी (कपड़े सिलने वाले)
-
मोची
-
बढ़ई (लकड़ी का काम करने वाले)
-
सुनार
-
नाई (बाल काटने वाले)
-
धोबी (कपड़े धोने वाले)
-
मूर्तिकार
-
माला बनाने वाले
-
नाव बनाने वाले
-
टूल किट बनाने वाले
-
ताला बनाने वाले
-
खिलौने बनाने वाले
-
चटाई बुनने वाले
-
पत्थर तराशने वाले
इस योजना में आवेदन करने के लिए व्यक्ति की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। साथ ही, वह व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए और किसी भी अन्य सरकारी स्वरोजगार योजना से लाभान्वित न हो रहा हो।
क्या हैं इस योजना के लाभ?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत केंद्र सरकार कारीगरों और श्रमिकों को आर्थिक और तकनीकी दोनों तरह से सहयोग देती है। इसके तहत उन्हें निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं:
1. प्रशिक्षण (ट्रेनिंग):
सरकार योजना से जुड़े लाभार्थियों को 15 दिनों की तकनीकी ट्रेनिंग देती है। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य उन्हें आधुनिक औजारों के उपयोग, डिज़ाइन की समझ और बेहतर उत्पाद निर्माण की जानकारी देना है।
2. स्टाइपेंड (भत्ता):
प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को हर दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाता है। यह स्टाइपेंड सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाता है।
3. मुफ्त टूल किट:
सरकार की ओर से योजना के तहत प्रोफेशनल टूल किट भी दी जाती है, जिससे लाभार्थी अपने काम को और बेहतर तरीके से कर सकें।
4. बिना गारंटी लोन:
सरकार योजना से जुड़ने वालों को दो चरणों में लोन भी देती है:
-
पहला लोन – 1 लाख रुपये (18 महीने की आसान किस्तों में चुकाने की सुविधा)
-
दूसरा लोन – 2 लाख रुपये (पहले लोन की समय पर अदायगी के बाद)
इस लोन पर बहुत ही कम ब्याज दर (5% से भी कम) लगती है और इसके लिए किसी गारंटी की आवश्यकता नहीं होती।
आवेदन कैसे करें?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है।
आवेदन की प्रक्रिया:
-
वेबसाइट पर जाएं: https://www.pmvishwakarma.gov.in
-
“Apply Online” या “New Registration” पर क्लिक करें
-
आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी जानकारी भरें
-
दस्तावेज़ अपलोड करें (आधार कार्ड, फोटो, कार्य प्रमाण आदि)
-
फॉर्म सबमिट करें
इसके बाद आवेदन की जांच की जाती है और पात्र लाभार्थी को योजना के अंतर्गत शामिल किया जाता है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत के उन पारंपरिक कारीगरों और श्रमिकों के लिए सुनहरा अवसर है जो अपने हुनर से आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं। यह योजना उन्हें तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के साथ-साथ आर्थिक रूप से मजबूत भी बनाती है। यदि आप या आपके जानने वाले कोई भी व्यक्ति ऐसे पारंपरिक कार्यों में लगे हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं और अपने हुनर को नई उड़ान दें।