भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने रविवार को हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डेविड लॉरेंस को श्रद्धांजलि दी। लॉरेंस का निधन रविवार को 61 वर्ष की आयु में हो गया। उनके सम्मान में दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरने का फैसला किया।
डेविड लॉरेंस ने 1988 से 1992 के बीच इंग्लैंड के लिए कुल पांच टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 18 विकेट चटकाए। इसके अलावा उन्होंने एक वनडे में भी भाग लिया, जिसमें चार विकेट लिए थे। लॉरेंस अपने तेज और सटीक गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे, लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर चोटों के कारण अपेक्षाकृत छोटा रहा।
तीसरे दिन की शुरुआत से पहले स्टेडियम में उनके सम्मान में एक मिनट का मौन रखा गया। इस दौरान दर्शक भी भावुक नजर आए और खिलाड़ियों की इस संवेदनशील पहल को सराहा गया।
लॉरेंस का इंग्लिश क्रिकेट में योगदान केवल उनके अंतरराष्ट्रीय करियर तक सीमित नहीं था। उन्होंने काउंटी क्रिकेट में ग्लॉस्टरशायर की ओर से शानदार प्रदर्शन किया और बाद में खेल से जुड़ी प्रशासनिक और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे। वे इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के विविधता और समावेश विभाग से भी जुड़े थे और उन्होंने रंगभेद के खिलाफ आवाज़ उठाने में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
उनके निधन पर इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि “डेविड न केवल एक शानदार तेज गेंदबाज थे, बल्कि वे इंग्लिश क्रिकेट के सच्चे प्रतिनिधि थे, जिन्होंने खेल को ज्यादा समावेशी और बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण काम किया।”
भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों द्वारा एक साथ मिलकर उन्हें श्रद्धांजलि देना खेल भावना का प्रतीक है और यह दिखाता है कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एकजुटता और सम्मान का मंच भी है।
डेविड लॉरेंस अब भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका योगदान और क्रिकेट के लिए उनका जुनून हमेशा याद रखा जाएगा।