केंद्र सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया। हालांकि, इसके आधे घंटे के भीतर ही सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस बढ़ोतरी का सीधा असर आम जनता पर नहीं पड़ेगा, यानी पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
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घटे अंतरराष्ट्रीय दाम से किया जाएगा एडजस्ट
सरकार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हाल ही में गिरावट आई है, जिससे तेल कंपनियों को लागत में राहत मिली है। इसी का फायदा उठाकर सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी का फैसला लिया है, ताकि राजस्व में सुधार हो सके, लेकिन तेल की खुदरा कीमतें जस की तस रहेंगी।
अब कितनी लगेगी एक्साइज ड्यूटी?
बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली कुल एक्साइज ड्यूटी इस प्रकार होगी:
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पेट्रोल: ₹21.90 प्रति लीटर
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डीजल: ₹17.80 प्रति लीटर
यह बढ़ोतरी केंद्र सरकार के राजस्व जुटाने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब वित्तीय घाटे को कम करने और सार्वजनिक खर्चों को संतुलित रखने की चुनौती है।
जनता पर फिलहाल राहत
सरकार की इस घोषणा से साफ है कि खुदरा उपभोक्ताओं को तत्काल कोई अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दोबारा बढ़ती हैं, तो भविष्य में घरेलू कीमतों पर दबाव बन सकता है।
विपक्ष ने किया विरोध
इस फैसले पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि भले ही कीमतें अभी न बढ़ें, लेकिन ड्यूटी में बढ़ोतरी का बोझ अंततः जनता पर ही आता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस फैसले को आर्थिक संकट में फंसी जनता के खिलाफ बताया है।
क्या कहते हैं अर्थशास्त्री?
वित्तीय मामलों के जानकारों का मानना है कि सरकार का यह कदम राजकोषीय संतुलन के लिहाज से जरूरी था, लेकिन इसे संवेदनशील तरीके से लागू किया गया है, जिससे महंगाई न बढ़े और जनता पर सीधा असर न पड़े। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अगर सरकार इस अतिरिक्त ड्यूटी को लंबे समय तक बनाए रखती है, तो उपभोक्ता कीमतों पर असर पड़ सकता है।