आजकल रिश्ते कब बनते हैं और कब टूट जाते हैं, पता ही नहीं चलता। आजकल लोगों के बीच रिश्तों का एक नया कॉन्सेप्ट चल रहा है, जिसे लोग बेंचिंग रिलेशनशिप कहते हैं। आजकल के लड़के-लड़कियाँ इसके बारे में अच्छी तरह जानते हैं। बेंचिंग रिलेशनशिप का मतलब है बेंच और कुर्सी।अब यह बेंचिंग रिलेशनशिप लोगों के बीच एक चलन बन गया है, जिसका मतलब है कि एक पार्टनर दूसरे पार्टनर के साथ रिलेशनशिप में तो है, लेकिन गंभीर नहीं है। एक व्यक्ति दूसरे में दिलचस्पी तो रखता है, लेकिन सिर्फ़ टाइमपास के लिए, ताकि वह अपनी ज़रूरतें पूरी कर सके। लेकिन वह दूसरे व्यक्ति से सच्चा प्यार नहीं करता।
भावनात्मक सहारे की ज़रूरत
ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति अकेलापन महसूस करता है या उसे भावनात्मक सहारे की ज़रूरत होती है, तो वह किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश में होता है जिसके साथ वह समय बिता सके। इस रिश्ते में कपल्स एक-दूसरे की ज़रूरतें तो पूरी करते हैं, लेकिन उनमें किसी भी तरह की कोई प्रतिबद्धता नहीं होती। अगर कपल्स साथ रहना चाहते हैं, तो साथ रहेंगे, अगर नहीं, तो किसी और के साथ रह सकते हैं।
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया और कुछ डेटिंग ऐप्स की वजह से पार्टनर ढूंढना आसान हो गया है। इसकी मदद से एक ही समय में कई लोगों को डेट किया जा सकता है, जिससे बेंचिंग का खतरा और भी बढ़ जाता है। कुछ लोग गंभीर रिश्ते में आने से डरते हैं क्योंकि उन्हें डर होता है कि कहीं उन्हें ठेस न पहुँच जाए। ऐसे में लोग बेंचिंग रिलेशनशिप का सहारा लेते हैं।
बेंचिंग रिलेशनशिप के खतरे
अगर आपका किसी के साथ बेंचिंग रिलेशनशिप है और आप उससे काफ़ी जुड़ गए हैं, लेकिन कुछ समय बाद वह आपको छोड़कर किसी और से बात करने लगता है, तो इससे आपकी भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है। इसके अलावा, बेंचिंग रिलेशनशिप में दूसरे व्यक्ति का समय बर्बाद होता है, क्योंकि जब तक उसे आपकी ज़रूरत होती है, वह आपके साथ रहता है, लेकिन जब उसकी ज़रूरत खत्म हो जाती है, तो वह आपको छोड़ देता है।
डेटिंग रिलेशनशिप के दौरान, अगर दूसरा व्यक्ति आपकी इज्जत नहीं करता और आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है, तो आप इस रिश्ते से बाहर निकल सकते हैं। लेकिन अगर आपको लगता है और आपने उससे रिश्ते को गंभीर बनाने की बात की है, तो आप उस व्यक्ति के साथ रह सकते हैं। लेकिन अगर आपका रिश्ता गंभीर नहीं है, तो आपके लिए उससे दूरी बनाना ही बेहतर होगा।