नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। फेक पेमेंट ऐप वैध पेमेंट एप्लिकेशंस की नकल होते हैं। यूजर इंटरफेस (यूआई), कलर स्कीम और ओवरऑल रंगरूप में वे लोकप्रिय पेमेंट ऐप्स से काफी ज्यादा मिलते-जुलते हैं। आम तौर पर इनकी भुगतान प्रक्रिया भी असली ऐप जैसी ही होती है, जिससे पहली नजर में अंतर करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
इनमें से कुछ फेक ऐप पेमेंट नोटिफिकेशन की आवाज, जैसे एक बीप या चाइम, की नकल करके धोखे को और पुख्ता कर देते हैं। साथ ही, वे काफी विश्वसनीय पेमेंट इनफॉर्मेशन प्रदान करते हैं जिससे यूजर को लगता है कि ट्रांजेक्शन सफल रहा है। इन्हें सरसरी निगाह से देखने पर अंतर करना चुनौतीपूर्ण है।
फेक पेमेंट ऐप्स से कैसे बचें
ठग फेक पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल कर भोले-भाले शिकार को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं कि ट्रांजेक्शन पूरा हो गया है। वास्तव में, वे एक फेक ऐप का इस्तेमाल करते हैं जो सिर्फ पेमेंट ट्रांजेक्शन फ्लो की नकल करता है, और पीड़ित को बाद में पता चलता है कि ट्रांजेक्शन असल में नहीं हुआ है।
सतर्क रहने और फेक पेमेंट ऐप्स से बचने के लिए यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं:
1. ट्रांजेक्शन हिस्ट्री चेक करें: हमेशा अपने पेमेंट ऐप या बैंक अकाउंट से ट्रांजेक्शन को सत्यापित करें। सिर्फ स्क्रीनशॉट या नोटिफिकेशन पर भरोसा न करें।
2. सूचनाओं में विसंगति: ट्रांजेक्शन के विवरण में विसंगतियां खोजने का प्रयास करें। फेक ऐप्स में कुछ बारीक गलतियां या विसंगतियां होती हैं जिससे आप धोखाधड़ी को लेकर सतर्क हो सकते हैं।
3. दबाव डालने की रणनीति: उन लोगों से सावधान रहें जो ट्रांजेक्शन पूरा करने के लिए आप पर जल्दबाजी करने का दबाव डालते हैं और आपको समुचित सत्यापन के लिए समय नहीं देते हैं।
4. अनजाने ऐप: अपने क्षेत्र में आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले वैध पेमेंट ऐप्स के बारे में जानकारी रखें। यदि कोई अनजाने ऐप से भुगतान करने के लिए कहता है तो सावधानी बरतें।
व्यापारियों को क्या अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए?
व्यापारी तेजी से नकली भुगतान ऐप के निशाने पर आ रहे हैं। धोखेबाज किसी व्यस्त दुकान में अव्यवस्था या व्यापारी के ध्यान बंटे होने का फायदा उठाकर इन नकली भुगतान ऐप्स से उन्हें धोखा देते हैं।
धोखे के कारण व्यापारी को नुकसान में सामान और सेवाएं देनी पड़ती हैं।
व्यापारियों के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो नकली भुगतान ऐप से धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेंगे।
1. अपने कर्मचारियों को शिक्षित करें: सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी इस धोखाधड़ी के बारे में जानते हैं और जानते हैं कि धोखाधड़ी वाले ट्रांजेक्शन को कैसे पहचाना जाए।
2. सत्यापन प्रक्रिया लागू करें: सामान या सेवाएं प्रदान किए जाने से पहले पेमेंट्स को सत्यापित करने के लिए एक मानक प्रक्रिया विकसित करें। इसमें आपके फोनपे स्मार्ट स्पीकर से भुगतान ऑथेंटिकेशन की प्रतीक्षा करना (नकली ऐप इन अलर्ट संदेशों को ट्रिगर नहीं कर सकते हैं), ट्रांजेक्शन आईडी की जांच करना या आपके भुगतान प्रोसेसर से पुष्टि की प्रतीक्षा करना शामिल हो सकता है।
3. संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: यदि आपको कोई संदिग्ध नकली भुगतान ऐप मिलता है, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों और अपने भुगतान प्रोसेसर को इसकी रिपोर्ट करें।
फोनपे सक्रिय रूप से अपने ब्रांड की नकल करने वाले धोखाधड़ी वाले ऐप और चैनलों का मुकाबला कर रहा है। कंपनी ने अपने ट्रेडमार्क के उल्लंघन को रोकने के लिए ‘जॉन डो’ निषेधाज्ञा आदेश की अपील करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर सक्रिय कार्रवाई की है।
उक्त मुकदमे के बाद, न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को फोनपे से कोई भी शिकायत मिलने पर तुरंत किसी भी फर्जी भुगतान ऐप पोस्ट पर कार्रवाई करने और हटाने का आदेश दिया है।
यदि आपको फोनपे के माध्यम से किसी धोखेबाज ने ठगा है, तो आप तुरंत फोनपे ऐप पर या कस्टमर केयर नंबर 080-68727374 / 022-68727374 पर कॉल करके या फोनपे के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर ऐसे फर्जीवाड़े की रिपोर्ट कर सकते हैं। अंततः, आप निकटतम साइबर अपराध सेल में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं या https://www.cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या साइबर अपराध सेल हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ पर संपर्क कर सकते हैं।
सुरक्षित रहें, सतर्क रहें और अपने व्यवसाय को सुरक्षित रखें।
–आईएएनएस
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