कल्पना कीजिए कि किसी ने आपको व्हाट्सएप पर एक फोटो भेजी और आपने उसे डाउनलोड कर लिया। तो क्या आपके खाते से चंद मिनटों में लाखों रुपए गायब हो जाएंगे? दिल्ली के एक युवक के साथ यही हुआ। व्हाट्सएप पर एक साधारण सी तस्वीर में एक खतरनाक वायरस छिपा था, जिसने उनका पूरा बैंक बैलेंस साफ कर दिया।
फोटो के बहाने फोन वायरस
दिल्ली निवासी प्रदीप जैन को सुबह-सुबह एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसके बाद एक बुजुर्ग व्यक्ति की तस्वीर के साथ एक संदेश आया, जिसमें लिखा था, “क्या आप इस व्यक्ति को जानते हैं?” बार-बार कॉल आने के बाद जब उन्होंने फोटो डाउनलोड की तो उनका फोन हैक हो चुका था। इसके कुछ देर बाद ही उनके खाते से करीब 2 लाख रुपए उड़ गए।
यह ‘स्टेग्नोग्राफ़ी’ घोटाला क्या है?
इस घोटाले में स्टेग्नोग्राफ़ी नामक एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। यह किसी छवि या ऑडियो फ़ाइल में दुर्भावनापूर्ण कोड छुपा देता है। यह कोड इतनी चतुराई से छिपाया जाता है कि सामान्य एंटीवायरस भी इसे पकड़ नहीं पाते। जैसे ही आप उस फाइल को खोलते हैं, वायरस आपके फोन में प्रवेश कर जाता है।
यह हमला कैसे काम करता है?
अधिकांश छवि फ़ाइलों में तीन रंगों (लाल, हरा, नीला) के डेटा बाइट्स होते हैं। हैकर्स इनमें से किसी एक बाइट में वायरस छिपा देते हैं। जैसे ही आप इमेज डाउनलोड करते हैं, यह कोड सक्रिय हो जाता है और हैकर्स को आपकी जानकारी के बिना आपके फोन तक पहुंच प्रदान कर देता है।
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ये कुछ तरीके हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं…
कभी भी अज्ञात नंबरों से फ़ाइलें डाउनलोड न करें।
व्हाट्सएप की ऑटो-डाउनलोड सेटिंग बंद करें।
फोन सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें।
‘अज्ञात कॉल करने वालों को चुप कराएं’ सुविधा चालू रखें।
किसी को भी ओटीपी न बताएं और संदिग्ध नंबरों की सूचना न दें।