अगर आपके नाम पर कोई पुराना ट्रैफिक चालान लंबित है, तो अब उसे निपटाने का बेहतरीन अवसर आया है। 8 मार्च को आयोजित नेशनल लोक अदालत के बाद अब महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (MSLSA) की ओर से एक विशेष ट्रैफिक लोक अदालत लगाई जा रही है। इस लोक अदालत के माध्यम से आप अपने चालान का निपटारा आसानी से कर सकते हैं और भारी छूट या माफी भी पा सकते हैं।
महाराष्ट्र में आज लगेगी ट्रैफिक लोक अदालत
महाराष्ट्र में आज यानी 22 मार्च को ट्रैफिक लोक अदालत का आयोजन हो रहा है। इस अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबित ट्रैफिक चालानों और अन्य आपसी सहमति से निपटाए जा सकने वाले मामलों का त्वरित समाधान करना है। लोक अदालत एक वैकल्पिक विवाद निपटान तंत्र है, जहां बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के समाधान निकाला जाता है, और इसमें अक्सर भारी राहत भी मिलती है।
किन स्थानों पर होगी सुनवाई?
यह लोक अदालत न केवल मुंबई में लगेगी, बल्कि बॉम्बे हाईकोर्ट की तीन शाखाओं—नागपुर, औरंगाबाद और पणजी (गोवा)—में भी सुनवाई आयोजित होगी। इन सभी स्थानों पर सुबह 10 बजे से मामले सुने जाएंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र के प्रत्येक जिले की जिला अदालत और पारिवारिक अदालत में भी इसी प्रकार की लोक अदालतें आयोजित की जाएंगी। इतना ही नहीं, केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव में भी आज लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।
इस व्यापक आयोजन का उद्देश्य अधिक से अधिक लंबित मामलों का त्वरित निपटारा करना और आम जनता को राहत प्रदान करना है।
चालान माफी के लिए क्या करना होगा?
अगर आप अपना ट्रैफिक चालान लोक अदालत में निपटाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यह चेक करना होगा कि आपके नाम पर कोई लंबित चालान है या नहीं। इसके लिए आप परिवहन विभाग के आधिकारिक पोर्टल ‘Parivahan eChallan’ ऐप पर जाकर अपने चालान की स्थिति देख सकते हैं।
मुंबई के निवासी ‘मुंबई ट्रैफिक पुलिस’ ऐप के माध्यम से भी चालान की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर किसी कारणवश 60 दिनों तक चालान का भुगतान नहीं किया गया है, तो यह वर्चुअल कोर्ट के पास चला जाता है। आप वर्चुअल कोर्ट के पोर्टल पर जाकर भी अपने चालान का स्टेटस देख सकते हैं।
यदि आपके नाम पर कोई चालान पेंडिंग है, तो आप लोक अदालत में जाकर उसका निपटारा कर सकते हैं। आमतौर पर लोक अदालतों में या तो चालान पूरी तरह माफ कर दिया जाता है या फिर उसमें भारी छूट दी जाती है। इससे न केवल आपकी कानूनी परेशानियां खत्म होती हैं, बल्कि अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी कम होता है।
ध्यान रखें कि लोक अदालत में जाते समय अपने चालान का प्रिंटआउट अवश्य साथ ले जाएं, ताकि प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो।
लोक अदालत में कौन से मामले सुने जाते हैं?
लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य आपसी सहमति से सुलझाए जा सकने वाले विवादों का समाधान करना है। इसमें निम्नलिखित प्रकार के मामले सुने जाते हैं:
-
ट्रैफिक चालान से जुड़े मामले
-
बैंक ऋण विवाद
-
बिजली और पानी के बिलों से संबंधित विवाद
-
मजदूरी और श्रम विवाद
-
मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति के मामले
हालांकि, गंभीर आपराधिक मामले और ऐसे सिविल केस जहां कानूनी तौर पर समझौता नहीं हो सकता, लोक अदालत के दायरे में नहीं आते हैं।
लोक अदालत की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पर बिना कोर्ट फीस के मामले सुलझाए जाते हैं और दोनों पक्षों की सहमति से ही फैसला होता है। अगर कोई समझौता नहीं होता, तो मामला फिर से सामान्य अदालत में चला जाता है।
क्यों है यह मौका खास?
ट्रैफिक चालान के लंबित रहने पर कई बार वाहन रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है या भविष्य में वाहन के खरीद-बिक्री पर भी असर पड़ सकता है। साथ ही, नए नियमों के अनुसार बकाया चालानों पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे में इस तरह के लोक अदालत आयोजन आपके लिए एक सुनहरा अवसर हैं, जहां आप न केवल जुर्माना बचा सकते हैं, बल्कि भविष्य की कानूनी परेशानियों से भी मुक्त हो सकते हैं।
सरकार और न्यायपालिका की यह पहल नागरिकों को सुलभ और त्वरित न्याय प्रदान करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।