ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगलवार कहा जाता है। वैसे तो ज्येष्ठ माह में आने वाला प्रत्येक मंगलवार बहुत महत्वपूर्ण होता है लेकिन ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस वर्ष ज्येष्ठ माह का पहला मंगलवार 13 मई को है। मंगलवार भगवान हनुमान की पूजा के लिए एक विशेष दिन है। ऐसे में ज्येष्ठ माह का मंगलवार और भी महत्वपूर्ण है। ज्येष्ठ माह के मंगलवार यानि बड़े मंगल से हनुमान जी की कई कथाएं जुड़ी हुई हैं। इन पौराणिक कथाओं के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को कुछ विशेष घटनाएं घटित हुई थीं, इसलिए ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार विशेष माने जाते हैं। आइये जानते हैं बड़ा मंगल से जुड़ी पौराणिक कथाएं।
बड़े मंगल पर हनुमान जी की पहली बार भगवान श्रीराम से मुलाकात हुई थी
रामायण की कथा के अनुसार जब भगवान राम माता सीता की खोज में भटक रहे थे, तब हनुमान जी से उनकी पहली मुलाकात हुई थी। हनुमान जी ने राम जी और लक्ष्मण जी की सच्चाई जानने के लिए पुजारी का रूप धारण किया था। जब हनुमान जी को भगवान श्रीराम और लक्ष्मण जी की सच्चाई पता चली तो उन्होंने भगवान श्रीराम को प्रणाम किया। हनुमान जी और प्रभु श्रीराम की पहली मुलाकात ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हुई थी, इसलिए ज्येष्ठ माह के इस मंगलवार को बड़ा या बुढ़वा मंगलवार के नाम से जाना जाने लगा।
बड़े मंगल के दिन हनुमान जी ने भीम पर चूर होने का दावा किया था
बड़ा मंगल से संबंधित एक अन्य कथा महाभारत में भी मिलती है। महाभारत की कथा के अनुसार, भीम को उसकी शक्ति से वंचित कर दिया गया था। भीम को लगा कि उसकी शक्ति के सामने कोई टिक नहीं सकता। जब हनुमान जी को यह बात पता चली तो उन्होंने भीम का घमंड तोड़ना जरूरी समझा। एक बार भीम कोई कार्य पूरा करने जा रहे थे। भीम एक घने जंगल से गुजरे। हनुमान जी यहां बुर्जुग बंदर का वेश धारण कर बैठे थे। भीम सड़क से गुजर रहे थे, तभी उनकी नजर जमीन पर पड़े एक बूढ़े बंदर पर पड़ी। भीम ने गर्व से बूढ़े बंदर से अपनी पूंछ हटाने को कहा। भीम का गर्व भरा स्वर सुनकर हनुमान जी मुस्कुराये और भीम से स्वयं पूंछ हटाने को कहा, किन्तु भीम हनुमान जी की पूंछ हटाने में सफल नहीं हो सके। तब भीम को एहसास हुआ कि उसके सामने बैठा बंदर एक दिव्य अवतार था। भीम ने हनुमान से क्षमा मांगी और उनसे अपना परिचय देने को कहा। इस प्रकार हनुमान जी ने भीम को अपना परिचय दिया तो वह लज्जित हो गया। ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हनुमान जी ने भीम का घमंड तोड़ा था, इसलिए इसे बुढ़वा मंगलवार कहा गया।
रावण ने हनुमानजी की पूंछ में आग लगा दी थी
हनुमान जी की एक और कहानी बड़ा मंगल से जुड़ी हुई है। रामायण की इस कथा के अनुसार जब हनुमान जी भगवान श्री राम का संदेश देने के लिए दूत बनकर लंका गए तो रावण ने अहंकार में आकर हनुमान जी की पूंछ में आग लगवा दी थी। इसके बाद हनुमान ने रावण का घमंड तोड़ा और लंका की सारी सोने की लंका में आग लगा दी। यह आयोजन ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हुआ इसलिए इसे बड़ा मंगलवार कहा गया।
हनुमान जी को मिला अमरता का वरदान
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही हनुमान जी को अमरता का वरदान मिला था। अमरता का वरदान पाकर हनुमान जी अमर हो गए। पौराणिक मान्यता के अनुसार जिस दिन हनुमान जी को अमरता का वरदान मिला था वह दिन ज्येष्ठ माह का मंगलवार था, इसलिए इसे बड़ा मंगलवार भी माना गया।